महराजगंज जिले के 1695 परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए दिए गए टैबलेट बिना इंटरनेट खिलौना बनकर रह गए हैं। शासन का निर्देश हैं, कि विद्यालयों में शिक्षक अपना निजी सिमकार्ड और ईमेल का प्रयोग कर इसका संचालन करें, लेकिन शिक्षक इसे निजता का हनन बताते हुए आंदोलनरत हैं। स्थिति यह है, कि नए शिक्षा सत्र के 15 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक जिले में विद्यालयों के डिजिटल रजिस्टर नहीं भरे जा रहे हैं।
शिक्षा सत्र 2023-24 में जिले के समस्त विद्यालयों में शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर, छात्र उपस्थिति रजिस्टर और मध्यान्ह भोजन रजिस्टर को आनलाइन करने के उद्देश्य को लेकर जिला बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले में
2737 टैबलेट वितरित किए थे। योजना थी, कि इस टैबलेट से छात्रों की आनलाइन हाजिरी भरी जाएगी। योजना का उद्देश्य था, कि इस आधुनिक तकनीकी से विद्यालयों में शिक्षकों के अलावा छात्रों की
उपस्थिति का भी सही आंकड़ा सामने आएगा। साथ ही मध्यान्ह भोजन में उपस्थिति को लेकर आए दिन होने वाली शिकायतों पर भी रोक लगेगी। लेकिन शिक्षकों के विरोध के चलते जिले में आनलाइन हाजिरी नहीं लग
पा रही है। स्थिति यह है, कि नौतनवा में एक प्रतिशत को छोड़कर जिले के अन्य 11 विकास क्षेत्रों में किसी भी अ शिक्षक ने इसे नहीं अपनाया।
टैबलेट में निजी सिम के प्रयोग के लिए विभाग बाध्य नहीं कर सकता। शिक्षक डिजिटलीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन विभाग उन्हे सीयूजी नंबर उपलब्ध कराए। जब तक ऐसा नहीं होगा संगठन इसका विरोध करेगा।
डा. त्रिभुवन नारायण गोपाल, जिलाध्यक्ष पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ
सरकारी टैबलेट में निजी सिम के प्रयोग का आदेश हमारी निजता का उल्लघंन है। शिक्षक अपना सिम और आईडी क्यों दें, अगर कोई साइबर ठगी हो जाए तो विभाग जिम्मेदारी लेगा? संगठन ऐसे आदेश का विरोध करता है।
केशव मणि त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
विद्यालयों में आनलाइन हाजिरी भरवाने को लेकर लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को भी इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। अगर जल्द ही आदेश का पालन नहीं किया गया है, तो संबंधित के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
श्रवण कुमार गुप्ता, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, महराजगंज