समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) का पर्चा लीक कराने के मामले में एसटीएफ ने रविवार को एक और मास्टरमाइन्ड डॉ. शरद सिंह पटेल व उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गये इन आरोपितों में प्रयागराज के बिशप जानसन गर्ल्स कॉलेज का परीक्षा नियंत्रक अर्पित विनीत और पारा स्थित जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल का प्रिंसिपल अभिषेक शुक्ला भी हैं। इस स्कूल का मैनेजर सौरभ शुक्ला पहले ही पकड़ा जा चुका है। मुख्य मास्टरमाइन्ड राजीव नयन ने गिरफ्तार होने पर डॉ. शरद का नाम लिया था। शरद ने 25 लाख रुपये में राजीव नयन को प्रयागराज स्थित बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल से लीक कराया हुआ पर्चा व्हाट्सएप पर भेजा था।
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक मास्टरमाइन्ड डॉ. शरद सिंह पटेल मूल रूप से मिर्जापुर के चुनार का रहने वाला है। लखनऊ में वृन्दावन योजना स्थित लवनेस्ट अपार्टमेंट में रह रहा था। उसे वृन्दावन योजना में कालिन्दी पार्क के पास पकड़ा गया है। उसके साथ पकड़े गये लोगों में राजा बाजार निवासी जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल का प्रिंसिपल अभिषेक शुक्ला, प्रयागराज के झूंसी निवासी कमलेश कुमार पाल और प्रयागराज के कैंट निवासी व बिशप जानसन गर्ल्स कालेज का परीक्षा नियंत्रक अर्पित विनीत यशवंत हैं। एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने बताया कि 14 मार्च को इस मामले में बर्खास्त सिपाही अरुण कुमार सिंह और पारा स्थित जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल का प्रबन्धक सौरभ शुक्ला को पकड़ा गया था। इन दोनों ने ही राजीव नयन की अहम भूमिका का खुलासा किया था। इसके बाद ही एसटीएफ ने राजीव को पकड़ा था। इस दौरान ही अमित सिंह का नाम सामने आया था। अमित चार अप्रैल को गिरफ्तार किया जा चुका है। अमित ने खुलासा किया था कि डॉ. शरद व साथियों ने मोटी रकम लेकर लीक पर्चा पढ़वा कर उत्तर रटवाया था।
वृन्दावन योजना में गिरोह के सदस्यों को बुलाया था
डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह को पता चला था कि शरद पटेल ने गिरोह के कुछ लोगों को फ्लैट के पास बुलाया है। इनके साथ उसे मीटिंग करनी थी। यह पता चलते ही पुलिस की पूरी टीम वहां पहुंच गई और सभी को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार चारों आरोपितों को कौशाम्बी भेज दिया गया है। वहां इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।
डॉ. शरद पहले भी कई पर्चे लीक कराने में शामिल रहा
डॉ. शरद इससे पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पर्चा लीक कराने में शामिल रहा है। इस मामले में कई और लोग भी एसटीएफ की रडार पर है। गिरफ्तार आरोपितों के पास दो लाख रुपये, दो लग्जरी गाड़ियां समेत कई दस्तावेज मिले हैं। इस गिरोह के लोग सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने में भी शामिल रहे हैं।