प्रयागराज, । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन पूरा होने के साथ ही परिणाम तेजी से तैयार किया जा रहा है। इस बीच छात्र-छात्राओं के अंक बढ़ाने तथा उन्हें फेल से पास कराने का लालच देकर कुछ साइबर ठग फोन करने लगे हैं। इसके लिए परीक्षार्थियों एवं उनके अभिभावकों को फोन कर रुपये की मांग कर रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने परीक्षार्थियों एवं अभिभावकों को सलाह दी है कि ऐसे साइबर ठगों के झांसे में कतई न आएं।
बोर्ड का कोई कर्मचारी या अधिकारी किसी परीक्षार्थी को फोन नहीं करता है। 10वीं-12वीं के परिणाम की पूरी प्रक्रिया गोपनीय और पारदर्शी है। इसमें किसी व्यक्ति का किसी स्तर पर हस्तक्षेप नहीं है। पिछले वर्षों में भी इस प्रकार की ठगी का कुप्रयास करने वाले साइबर ठगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
ऐसी घटनाओं के प्रति जनसामान्य को सचेत करते हुए सचिव ने परीक्षार्थियों एवं उनके अभिभावकों से अपील की है कि साइबर ठगों के फोन कॉल का संज्ञान न लें और प्रलोभन में न आएं। इस प्रकार के फोन कॉल आने पर उसकी सूचना तत्काल अपने जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक को दें।
साइबर कैफे से फोन नंबर पा रहे ठग
यूपी बोर्ड के परीक्षार्थियों के फोन नंबर ठगों को साइबर कैफे से छोटी-मोटी रकम देकर मिल जाती है। उसके बाद एक-एक परीक्षार्थी को फोन करके ठगी करने लगते हैं। पिछले सालों में बिहार और झारखंड के गैंग की सक्रियता का पता चला था। शातिर साइबर ठगों की धरपकड़ नहीं हो सकी।