प्रतापगढ़। निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) के तहत निजी विद्यालयों में गरीब बच्चों की पढ़ाई का सपना अब पूरा होगा। गरीब परिवार के बच्चे 15 अप्रैल से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों की फीस शासन की ओर से भुगतान की जाती है।
नए शैक्षिक सत्र में निजी विद्यालयों में ऐसे बच्चों का दाखिला दिलाने के लिए शिक्षा विभाग भी तैयारी कर रहा है। जो बच्चे निजी स्कूलों को फीस चुकता करने में
सक्षम नहीं हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने तीसरे और अंतिम चरण में 15 अप्रैल से आठ मई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पहले चरण में 228, दूसरे चरण में 149 बच्चों ने आवेदन किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों के निजी स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया पूरा कराने के लिए खाका तैयार किया है। 06- 14 साल तक के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में दाखिला कराया गरीब बच्चों का निजी स्कूलों में प्रवेश कराने के बाद कोई फीस स्कूलों को नहीं देनी पड़ती। बच्चों की पढ़ाई का खर्च शासन की ओर से स्कूलों के खातों में भेजा जाता है कापी-किताब के लिए पांच-पांच हजार रुपये अभिभावकों के खाते में भेजा जाता है।
मानक के तहत जो छात्र आते हैं, उनका प्रवेश संबंधित विद्यालय में डीएम के अनुमोदन के बाद दिलाया जाता है।