वहराइच : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों
के नामांकन बढ़ाने के लिए शासन से दवाव है। नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षक घर-घर संपर्क कर रहे हैं। प्रधानाध्यापक से लेकर सहायक शिक्षक तक नामांकन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, वहीं विभाग के नए आदेश ने शिक्षकों की टेंशन बढ़ा दी है। नए आदेश के अनुसार शिक्षक उसी बच्चे का नामांकन कर पाएंगे जिसकी उम्र एक अप्रैल को छह वर्ष पूरी हो गई होगी।
प्रदेश सरकार का पूरा जोर अप्रैल में परिषदीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने पर है। इसके लिए मार्च से ही प्रयास किए जा रहे हैं। एक अप्रैल से ही विद्यालयों में प्रवेशोत्सव और विचार गोष्ठियों आदि के आयोजन किए जा रहे हैं। अध्यापक घर-घर जाकर अभिभावकों को विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पिछले शिक्षण सत्र में करीब
5,32,000 बच्चों के नामांकन किए गए थे। इस बार दस फीसद बढ़ाकर नामांकन करने का लक्ष्य है। इस हिसाब से जिले में करीब पिछली बार से 53,000 नामांकन अधिक होने चाहिए। पहले 31 जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूरी करनी आवश्यक थी। ऐसे में अप्रैल में छह वर्ष से कम आयु वाले बच्चों का नामांकन कर लिया जाता था। इस तरह से नामांकन का लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो जाता
था। तमाम ऐसे बच्चे हैं जो 31 जुलाई को छह वर्ष की आयु पूरी कर लेंगे, लेकिन इस समय उनकी आयु छह वर्ष में करीव तीन महीने कम है। ऐसे बच्चों का अध्यापक चाहकर भी नामांकन नहीं कर पाएंगे। इस नए आदेश से शिक्षकों के सामने नया संकट खड़ा हो गया है। उन्हें नामांकन के लिए जो बच्चे मिल भी रहे हैं, उनका नामांकन वे कर नहीं सकते हैं। अब वे करें तो क्या करें।
अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने का आह्वान
वहराइच): उच्च प्राथमिक विद्यालय कमोलिया खास की शिक्षिका आंचल श्रीवास्तव ने घर-घर पहुंच कर अभिभावकों से संपर्क किया। अभिभावकों से बात करने पर पता चला कि इस समय गेहूं की कटाई के चलते परिवार सहित खेतों में व्यस्त हैं। उन्होंने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजने के लिए अभिभावकों से आह्वान किया। अभिभावकों से परिषदीय विद्यालय में शासन द्वारा दी जा रही स्मार्ट क्लास, डीबीटी, निश्शुल्क किताबें आदि व्यवस्थाओं के बारे में बताया।