नई दिल्ली। लंबी सर्दी और दीर्घकालिक बरसात के बाद अब आप प्रचंड गर्मी का सामना करने के लिए तैयार रहें। इस साल अप्रैल से जून के बीच आम चुनावों के चलते सियासी गर्मी तो रहेगी ही, आसमान से बरसने वाली आग से भी पारा चढ़ेगा। इसकी तपिश पूरे देश में महसूस की जाएगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भागों पर सबसे बुरा असर पड़ने की आशंका है। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत आठ राज्यों में सामान्य से अधिक तापमान रहने का भी अनुमान है। हालांकि, अधिक तापमान के कारण गेहूं की फसल पर असर पड़ने की संभावना नहीं है।
केंद्रीय भू-विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारत में आगामी ढाई महीनों में अत्यधिक गर्म मौसम की स्थिति का अनुमान है और यह आम चुनावों के साथ मेल खाता है, जिसमें लगभग एक अरब लोगों की ओर से अपने मताधिकार का प्रयोग
करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, यह हम सभी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होने जा रहा है। चूंकि हम दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं और चरम मौसम की स्थिति का सामना करते हैं, इसलिए हमारे लिए पहले से तैयारी करना नितांत आवश्यक हो जाता है।
सावधानी बरतें मतदाता आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने आम चुनावों के दौरान घर के बाहर वाली गतिविधियों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी और इसके चलते लोगों के लू की चपेट में आने का खतरा भी बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के साथ ही मतदानकर्मियों में गर्मी से जुड़ीं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां देखने को मिल सकती हैं
अल नीनो का प्रभाव बना रहेगा
आईएमडी महानिदेशक ने बताया कि अल नीनो की स्थितियां कमजोर हो रही हैं, लेकिन अप्रैल से मई के दौरान इसका प्रभाव बना रहेगा। मध्य प्रशांत महासागर का सतह जब सामान्य से ज्यादा गर्म हो जाता है तो अल नीनो की स्थित्ति बनती है। अल नीनो के प्रभाव से भारत में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ती है और लू भी चलती है। अल नीनो का दुनियाभर में असर पड़ता है और तापमान में वृद्धि होने के साथ ही गर्मी के दिन भी बढ़ते हैं।
आईएमडी के मुताबिक, इस साल मानूसन के उत्तरार्ध में ला नीना की स्थिति बनेगी और इसके चलते देश में झमाझम बारिश होगी।
दिन तक लू चलने की आशंका
महापात्र ने कहा कि देश के ज्यादातर
हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। हालांकि, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पूर्वोत्तर के राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से कम रह सकता है, लेकिन अप्रैल-जून के दौरान मैदानी इलाकों के अधिकतर भागों में सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिन रहने की संभावना है।
महापात्र ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्यतौर पर चार से आठ दिनों तक लू चलती है, लेकिन इस साल 10 से 20 दिन तक लू चलने की आशंका है। गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में लू का सबसे बुरा प्रभाव पड़ सकता है।