कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में शिक्षक नियुक्ति फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। फर्जी शिक्षक नियुक्ति का भंडाफोड़ होने के बाद प्रदेश भर में हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग इस मामले में एक्टिव हुआ है। सभी जिलों के डीआईओएस को अलर्ट किया गया है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के नाम से ईमेल कर फर्जी पैनल से नियुक्ति करा दी गई। नवंबर में जारी सूची में से 9 को नियुक्ति पत्र भी दे दिए गए। इसमें से दो शिक्षकों ने ज्वाइन भी कर लिया। फर्जी पैनल के आधार पर नियुक्त एक शिक्षक ने अब तक 2.59 लाख रुपये वेतन भी ले लिए हैं। मामले का खुलासा होने के बाद अपर शिक्षा निदेशक ने शनिवार की शाम पत्र जारी कर प्रदेश भर के डीआईओएस को अलर्ट किया है।
फर्जी ईमेल के माध्यम से डीआईओएस कार्यालय को शिक्षकों की नियुक्ति का फर्जी पैनल भेजा गया। इस सूची में 9 शिक्षकों के नाम शामिल थे। वेरिफिकेशन के बाद ब्वायज स्कूल के नियुक्ति पत्र डीआईओएस फर्स्ट और गर्ल्स स्कूल के ज्वाइनिंग लेटर डीआईओएस सेकेंड को जारी करने थे। डीआईओएस सेकेंड ने दो शिक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र नवंबर-दिसंबर में ही जारी कर दिए। तत्कालीन डीआईओएस फर्स्ट का ट्रांसफर होने के कारण नियुक्ति पत्र मार्च में जारी किए गए।
ऐसे खुला पूरा खेल
फर्जी सूची के आधार पर मिर्जापुर की विनीता देवी ने मदन मोहन अग्रवाल इंटर कॉलेज में ज्वाइन किया। वाराणसी की रिक्षा पांडेय ने आर्य कन्या इंटर कॉलेज में नागरिक शास्त्र प्रवक्ता के पद पर ज्वाइन करने के लिए मैनेजर पर दबाव बनाया। मैनेजर ने इसकी शिकायत आयोग से कर दी। इसके बाद जांच हुई। इसमें पता चला है कि जिस पैनल से शिक्षिका को नियुक्ति पत्र मिला, वह आयोग ने जारी ही नहीं किया था। शिक्षक नियुक्ति फर्जीवाड़े का बड़ा खेल सामने आ गया।दरअसल, आर्य कन्या इंटर कॉलेज के लिए आयोग की फर्जी लिस्ट से रिक्षा पांडेय को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था। प्रबंधक की शिकायत थी कि उनके यहां संबंधित विषय के शिक्षक का पद खाली नहीं है। स्कूल की ओर से इस विषय के लिए शिक्षक नियुक्ति की मांग भी नहीं की गई थी।