कासिमाबाद। बरेसर थाना क्षेत्र के शक्कापुर गांव स्थित कंपोजिट विद्यालय के सहायक अध्यापक और मुजफ्फरनगर निवासी अमरीश कुमार (39) की मौत शुक्रवार को हृदय गति रुकने से मऊ के निजी अस्पताल में हो गई। शनिवार की सुबह विद्यालय के पांच अध्यापकों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर करीब डेढ़ घंटे बाद सभी मुक्त कराया।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानाध्यापक लाल बिहारी राम की प्रताड़ना से सहायक अध्यापक अमरीश कुमार की मौत हुई है। इधर पत्नी प्रीति बच्चों को साथ पति का शव लेकर मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गई। दूसरी तरफ स्कूल के प्रधानाध्यापक ने गांव के चार लोगों के खिलाफ मारपीट और गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। प्रधानाध्यापक का कहना है कि ग्रामीणों का आरोप गलत है। शिक्षक अमरीश कुमार शराब का लंबे समय से सेवन करते थे। ज्यादा तबीयत खराब होने पर जनवरी माह में ही मेडिकल पर चले गए थे। बीते 16 मई को ज्वाइन करने आए तो उनसे फिटनेस प्रमाणपत्र लेकर आने की बात कही गई। इसके बाद वे घर चले गए। शिक्षक की मौत के बाद अस्पताल में मेरे साथ अभद्रता करते हुए ग्रामीण हंगामा करने लगे थे। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि सहायक अध्यापक अमरीश कुमार गांव के बच्चों में काफी लोकप्रिय थे। वह खो-खो खेल के काफी अच्छे कोच भी थे।
16 मई को स्कूल ज्वाइन करने गए थे अमरीश
कासिमाबाद: मुजफ्फरनगर निवासी अमरीश कुमार पत्नी और दो बच्चों के साथ बरेसर बाजार में एक किराए के मकान में रहते थे। अमरीश कुमार बाराचवर शिक्षा क्षेत्र के शक्कापुर गांव में बतौर सहायक अध्यापक 2019 से कंपोजिट विद्यालय में तैनात थे। वे जनवरी माह में मेडिकल लेकर छुट्टी पर चल रहे थे। बीते 16 मई को स्कूल जाकर प्रधानाध्यापक लाल बिहारी राम से ज्वाइन करने को कहा। इस पर प्रधानाध्यापक ने कहा कि मेडिकल पर हैं तो फिटनेस प्रमाण पत्र लेकर आइए, इसके बाद ज्वाइन करा लिया जाएगा। इतने के बाद अमरीश कुमार अपने आवास चले गए थे। शुक्रवार की सुबह 11 बजे उन्हें हृदय गति को लेकर शिकायत हुई। पत्नी और अगल-बगल के लोग उन्हें मऊ के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां पर इलाज के दौरान अमरीश कुमार की मौत हो गई।