प्रयागराज। हाईकोर्ट ने शिक्षिका राज किशोरी कुशवाहा को एरियर, वेतन तथा अन्य लाभों का भुगतान एक माह में करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की कोर्ट ने कहा, निःसंदेह याचिकाकर्ता की सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुई थी, लेकिन स्थायी प्रधानाध्यापिका की मृत्यु के बाद से वह लगातार प्रधानाध्यापिका के रूप में सेवाएं दे रही थीं। जवाबी हलफनामे में इसे स्वीकार किया गया है।
कोर्ट ने कहा, याची ने 29 वर्षों से अधिक समय तक संस्थान में प्रधानाध्यापिका के रूप में सेवाएं दीं, लेकिन उन्हें सहायक अध्यापक के पद का वेतन दिया गया।
याची राज किशोरी कुशवाहा की
नियुक्ति मऊआइमा, इलाहाबाद स्थित जिला पंचायत कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 27 सितंबर 1982 को सहायक शिक्षक के रूप में हुई थी। 25 जनवरी 1988 को प्रधानाध्यापिका मधु रानी श्रीवास्तव की मृत्यु के बाद याची को 15 फरवरी 1988 से प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त किया गया।
याची प्रधानाध्यापिका ने 31 जुलाई 2017 को सेवानिवृत्त होने तक अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, लेकिन इस पद के लिए याचिकाकर्ता को भुगतान नहीं किया गया गया। याची की ओर से अधिवक्ता सीबी यादव ने पक्ष रखा। वहीं शासकीय अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा, याचिका खारिज करने योग्य है। ब्यूरो