देवरिया। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी अभी दुरुस्त नहीं हो पाई है। इधर, प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में काहीं एक व कहीं दो टैचलेट दे दिए गए हैं। सिम व हर माह रिचार्ज के लिए भी कंपोजिट ग्रांट में अलग से धन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए धन आ गया है। विभाग का कहना है कि जुलाई माह से इस व्यवस्था को पूरी तरह अनिवार्य कर दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित सभी प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में शिक्षकों को टैबलेट के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है। टैबलेट के लिए सिम पर डाटा की व्यवस्था बीएसए को ओर से की जाएगी। इसके लिए जिले के भी 2120 विद्यालयों में से 1798 स्कूलों को टैबलेट उपलब्ध करा दिया गया है।
शेष विद्यालयों में भी इसे जल्द ही भेजने की तैयारी है। नए सत्र से शिक्षकों को टैबलेट के माध्यम से ही कार्य करना है। बीएसए की ओर से अपने जिले में बेहतर नेटवर्क वाली कंपनियों के सिम को स्कूलों में खरीदकर दिए जाने का आदेश पूर्व में हुआ था।
पिछले सत्र में हो अधिकांश स्कूलों में टैबलेट दे दिए गए थे। तभी से शिक्षक संगठन इसका विरोध भी कर रहे थे। उनका कहना था कि इसका बजट नहीं मिलेगा तो कैसे काम होगा। अब शिक्षा महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने अलग से कंपोजिट ग्रांट इसके लिए बुधवार को जारी कर दिया। अब ग्रांट के माध्यम से विभाग ने खुद सिम और डाटा खरीदकर देने का आदेश दिया है।
जूनियर शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष हेमा त्रिपाठी ने बताया कि ऑनलाइन हाजिरी में अगर कोई शिक्षक पांच से 10 मिनट लेट हो गया, तो उसे अनुपस्थित मान लिया जाएगा।
महिला शिक्षकों को सवारी मिलने में कभी देरी भी हो सकती है। अधिकारियों को अन्य समस्याओं को भी दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। इस समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों को पहल करनी चाहिए।
स्कूलों में मूलभूत समस्याओं को भी दूर करे विभाग
बेसिक शिक्षा विभाग टैबलेट संचालन के लिए सिम व डाटा खरीदने का खर्च अलग से दे रहा है तो शिक्षकों को टैबलेट संचालन करने में कोई दिक्कत नहीं है। सिम मिलते ही विद्यालयों में 14 रजिस्टर सहित बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन हाजिरी के लिए शिक्षक वर्ग तैयार है। हालांकि, विभाग जितना ऑनलाइन कार्य करने में तेजी दिखा रहा है, उससे पहले विद्यालयों के बच्चों के लिए मूलभूत सुविधाएं, जैसे बैठने के लिए डेस्क-बेंच, शुद्ध पेयजल, समय से बच्चों का ड्रेस आदि का पैसा भी दे। साथ ही शिक्षकों व शिक्षामित्रों की समस्याओं का निदान करने में भी योगदान दें तो
व्यवस्था में परिवर्तन खुद ब खुद दिखेगा। – अनिल यादव, प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश बोटीसी शिक्षक संघ