दिल्ली, एजेंसी। मनुष्यों के लिए नींद महत्वपूर्ण है और यदि किसी कारणवश यह पूरा नहीं हो पाए तो इंसान के स्वास्थ्य पर इसका काफी असर होता है। दरअसल, नींद को लेकर हैदराबाद के न्यूरॉलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि एक घंटे की नींद में कमी हो जाए तो इंसान के स्वास्थ्य पर इसका असर दिखने लगता है और इसकी भरपाई चार दिन में होती है।
हैदराबाद के अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुधीर ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘नींद की कमी से सिर में दर्द, किसी काम में एकाग्रता की कमी, चिड़चिड़ापन, फैसला लेने में परेशानी होने लगती है।’ इस पोस्ट पर 86, 000 से अधिक व्यूज आए।’
होते हैं गंभीर परिणाम : अक्सर व्यस्त जीवनशैली के बीच लोग अपनी नींद से ही समझौता करते हैं। डॉक्टर की पोस्ट वायरल हो गई और लोगों के कमेंट भी आए, जिसका उन्होंने जवाब भी दिया। डॉक्टर की सलाह के अनुसार, सात-नौ घंटे की नींद लेना अनुसार, स्वास्थ्यकर है।’ डॉ. सुधीर कुमार वर्ष 1994 से इस चिकित्सा के पेशे में हैं। उन्होंने 120 हाफ मैराथन दौड़ में हिस्सा भी लिया है।
ज्यादा नींद लेना भी ठीक नहीं
जरूरत से ज्यादा या कम नींद लेना, दोनों ही सेहत के लिए ठीक नहीं है। पर्याप्त नींद न लेने से इंसान की मेमोरी पावर और सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होती है। डॉक्टर के अनुसार, जिन लोगों ने सात घंटे की नींद ली, उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया। नींद का सीधा असर इंसान के दिमाग पर पड़ता है।
क्या कहता है ब्रिटिश वैज्ञानिकों का शोध
नींद को लेकर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और चीन की फुदान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी कुछ दिनों पहले शोध की थी। इसके अनुसार, अलग-अलग उम्र के लोगों के लिए सोने के घंटे भी अलग-अलग होने चाहिए ताकि उनके शरीर की मांग के हिसाब से जरूरत पूरी हो सके
आठ घंटे की नींद जरूरी
एक वयस्क इंसान के लिए आठ घंटे की नींद जरूरी है। ऐसा क्यों है, इसे समझने के लिए वैज्ञानिकों ने शोध की। शोध में करीब पांच लाख ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिनकी उम्र 38 से लेकर 73 साल थी। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता प्रो. बारबरा सहाकियान कहती हैं, रात को पूरी नींद लेना जरूरी है।
साइंसटेक की रिपोर्ट
साइंसटेक की रिपोर्ट के मुताबिक, शोध में शामिल लोगों से पूछा गया कि उनको कैसी नींद आती है और जानकारी जुटाई गई कि उनकी मानसिक क्षमताएं और स्वास्थ्य कैसा है। इनसे ऐसी गतिविधि कराई गई जिसमें सोचने समझने की क्षमता को परखा गया, काम करने की क्षमता की भी जांच हुई और एकाग्रता को भी परखा गया। शोधकर्ताओं का कहना है, मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सबसे अच्छा असर उन्हीं लोगों में दिखा जिन्होंने लंबे समय तक हर रात सात घंटे की नींद ली। रिसर्च के मुताबिक, अगर कोई इंसान 4 से 5 घंटा सोता है या फिर 10 से 11 घंटे सोता है तो उस इंसान में नींद का सकारात्मक असर नहीं दिखेगा।