लखनऊ : स्टूडेंट्स की प्रतिभा निखारने और
उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में अब रोज ध्यान और मेडिटेशन करवाया जाएगा। हर दिन अलग-अलग प्रार्थना के साथ ही कई अन्य एक्टिविटीज भी करवाई जाएंगी।
इसके लिए पूरा खाका तैयार करके परिषदीय विद्यालयों को भेजा गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सत्र 2024-25 के लिए अकैडमिक कैलेंडर और सामान्य निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि रोज शिक्षण कार्य शुरू होने से पहले 15 मिनट प्रार्थना सभा करवाई जाए। सोमवार को ‘शक्ति हमें दो दयानिधे’, मंगलवार को ‘दया कर दान भक्ति का, हमें परमात्मा देना’, बुधवार को ‘ऐ मालिक तेरे बन्दे हम’, गुरुवार को ‘सुबह सवेरे तेरा नाम प्रभु’, शुक्रवार को ‘हर देश में तू हर भेष में तू’ और शनिवार को ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ प्रार्थना करवाई जाएगी। इसके अलावा प्रार्थना के बाद राष्ट्रगान करवाया जाएगा। इसके बाद 5-7 मिनट का ध्यान और मेडिटेशन होगा.
शैक्षिक कैलेंडर पूरा नहीं तो एक्स्ट्रा क्लास
शैक्षिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन न हो पाने की स्थिति में अतिरिक्त क्लास लगवाई जाएंगी। वहीं विद्यालय अवधि के दौरान शिक्षक संगठनों की ओर से आयोजित किसी भी गतिविधि में स्कूल का कोई शिक्षक-कर्मचारी शामिल नहीं होगा। अपरिहार्य स्थित में मंजूरी लेने के बाद ही कोई इसमें शामिल हो सकता है।
हर शनिवार को सुनाई जाएंगी लघु कथाएं
विद्यालयों में प्रार्थना स्थल पर हर शनिवार को लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने वाली लघु कथाएं, प्रेरक प्रसंग, गीत व अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। स्कूल के बाद ब्लॉक स्तर, जनपद व मंडल स्तर पर और राज्य स्तर पर भी खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाएंगी। महापुरुषों के जन्म दिवस पर उनके जीवन एवं योगदान के विषय में प्रार्थना सभा के बाद 30 मिनट की चर्चा होगी। वहीं विद्यालय अवधि के बाद प्रत्येक शनिवार को शिक्षा चौपाल भी लगेगी।
ध्यान और मेडिटेशन से
क्या लाभ?
ध्यान और मेडिटेशन से स्टूडेंट शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहेंगे। इससे स्टूडेंट को कक्षा में दी गई जानकारी को याद रखने और परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है। ध्यान और मेडिटेशन तनाव को कम करने और विश्राम की भावना को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। इससे स्टूडेंट्स अपनी ताकत और कमजोरियों को समझ सकता है