नई दिल्लीः विपक्ष के निशाने पर रहने वाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर खींचतान जारी है। चुनाव परिणामों पर संदेह जताते हुए कई दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत करते हुए चुनाव आयोग से जांच की मांग की। आयोग ने एक जून 2024 को जारी एसओपी के तहत मिले 11 शिकायत पत्रों पर छह राज्यों की आठ संसदीय सीटों के 92 पोलिंग स्टेशनों, जबकि आंध्र प्रदेश और ओडिशा राज्य विधानसभा की कुल तीन सीटों के 26 बूथों पर ईवीएम की जांच का आदेश जारी किया है। तेलंगाना, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में तीन लोकसभा सीटों के 66 पोलिंग स्टेशनों पर ईवीएम की शिकायत भाजपा ने की थी।
आयोग की ओर से गुरुवार को जारी पत्र में बताया गया कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद लोकसभा चुनाव से आठ और विधानसभा चुनावों से संबंधित तीन आवेदन प्राप्त हुए। इनके माध्यम से शिकायतकर्ताओं ने ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर की जांच व सत्यापन की मांग की है। संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से यह शिकायतें आयोग के पास आईं। अब चुनाव याचिका के स्टेटस की पुष्टि के आधार पर ईवीएम निर्माताओं द्वारा एसओपी का पालन कर कार्यक्रम जारी कर चार सप्ताह के भीतर ईवीएम की जांच शुरू करा
• विभिन्न पार्टियों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने दिया आदेश
करनाल के चार और फरीदाबाद सीट के दो पोलिंग बूथ भी शामिल
दी जाएगी। दरअसल, आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी की शिकायत पर विजयनगरम लोकसभा सीट के दो पोलिंग स्टेशनों, कांग्रेस की शिकायत पर छत्तीसगढ़ की कांकेर संसदीय सीट के चार पोलिंग बूथों, हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट के चार व फरीदाबाद सीट के दो यानी कुल छह पोलिंग बूथों पर ईवीएम की जांच होनी है। महाराष्ट्र की अहमदनगर लोकसभा सीट के 40 और तेलंगाना की जहीराबाद सीट के 20 बूथों पर भी ईवीएम की जांच कराई जाएगी। तमिलनाडु की वेल्लोर और विरुधनगर संसदीय क्षेत्र के कुछ बूथों पर सत्यापन कराया जाएगा। इस तरह छह राज्यों की आठ संसदीय सीटों के 92 पोलिंग बूथों पर ईवीएम की जांच का निर्णय किया गया है। इसी तरह, आंध्र प्रदेश में गजपतिनगरम विधानसभा सीट पर एक और अंगुल विधानसभा क्षेत्र के 12 यानी कुल 13 पोलिंग स्टेशनों पर वाइएसआरसीपी की शिकायत पर जांच कराई जाएगी। ओडिशा में झारसुगुडा विधानसभा सीट के 13 पोलिंग स्टेशनों पर ईवीएम की जांच बीजद की शिकायत पर कराने का
फैसला आयोग ने किया है।