लखनऊ। प्रदेश में कक्षा एक-दो के बच्चों नए सत्र 2024-25 में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ेंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए आवश्यक तैयारी पूरी कर ली है। जिलों में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम वाली किताबें पहुंचने लगी हैं। अब जून अंत में विद्यालय खुलने के साथ ही इन किताबों को वितरित किया जाएगा। पहले साल किताबों में अपेक्षाकृत ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक-दो में 40 लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक कक्षा एक में सिर्फ एक किताब कलरव व कक्षा दो में दो किताब कलरव व गणित चलती थी। यह किताबें एससीईआरटी तैयार करवाता था। इसी साल जनवरी में प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत प्रदेश में कक्षा एक व दो में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाएंगी। चरणबद्ध तरीके से इसे कक्षा आठ तक आगे के वर्षों में लागू किया जाएगा।
इस निर्णय के बाद से एससीईआरटी ने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा एक-दो की किताबें तैयार कराई हैं। खास यह कि एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू होने से कक्षा एक व दो में किताबों की संख्या भी बढ़ जाएगी और पढ़ाई की क्वालिटी भी बेहतर होगी। इसके तहत अब कक्षा एक में गणित की आनंदमय गणित, अंग्रेजी की मृदंग और हिंदी में सारंगी पुस्तक पढ़ाई जाएगी। इसी तरह कक्षा दो में भी क्रमशः तीन किताबों से पढ़ाई होगी। इसकी तैयारी पूरी हो गई है।
प्रदेश में कक्षा एक-दो के 40 लाख से अधिक बच्चों के लिए सवा दो करोड़ किताबें छपवाई गई हैं। पाठ्य पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी ने बताया कि किताबें छपकर आ गई हैं और जिलों में पहुंचने लगी हैं। एक सप्ताह में यह किताबें जिले और जिलों से स्कूल में पहुंच जाएंगी। नए सत्र में जून अंत में जब पढ़ाई शुरू होगी, तब तक हर स्कूल में यह किताबें पहुंच जाएंगी और बच्चे इन नई किताबों से पढ़ाई करेंगे।
एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के अनुसार यूपी में कक्षा एक-दो की किताबें तैयार की गई हैं। हिंदी में यूपी के परिप्रेक्ष्य में आंशिक बदलाव किया गया। एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम ज्यादा प्रभावी और वृहद है। इसका पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों से तैयार कराया गया है। इसका लाभ हमारे भी छात्रों को मिलेगा। -डॉ. पवन सचान, संयुक्त निदेशक, एससीईआरटी