प्रयागराज। नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के हालात भी अजीबो-गरीब चल रहे हैं। मार्च में सदस्यों और कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद से कोई काम नहीं हो सका है। लेकिन मजे की बात है कि सदस्यों-अध्यक्ष के वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
विज्ञापन में सदस्यों और अध्यक्ष का क्रमश नियत वेतन 1.48 लाख व 1.68 लाख प्रतिमाह निर्धारित था। इसे बढ़ाकर सदस्यों का वेतन 2.05 लाख रुपये प्रतिमाह और अध्यक्ष का 2.15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भेजा गया है। वेतन के अलावा डीए के रूप में तकरीबन 75 हजार, एचआरए के रूप में लगभग 12 हजार रुपये, चार पहिया गाड़ी में 200 लीटर तेल के लिए तकरीबन 20 हजार रुपये और मोबाइल खर्च के नाम पर दो हजार रुपये मिलते हैं। इसके पहले इसी भवन में संचालित उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सदस्यों और अध्यक्ष को भी क्रमश 1.48 और 1.68 लाख रुपये वेतन मिलता था।
डेढ़ महीने बाद भी बैठक के मिनट्स जारी नहीं
नवगठित शिक्षा सेवा चयन आयोग की पहली बैठक के डेढ़ महीने बाद भी उसके मिनट्स जारी नहीं हो सके हैं। कार्यवाहक अध्यक्ष और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोग परिसर में आठ मई को पहली बैठक हुई थी। उस बैठक में क्या निर्णय हुए उसकी जानकारी अब तक किसी को नहीं है। बैठक में राम सुचित, योगेन्द्र नाथ सिंह, राजेन्द्र प्रताप सिंह, विमल कुमार विश्वकर्मा, कीर्ति गौतम, डॉ. विनोद कुमार सिंह समेत सभी सदस्य मौजूद थे।