दिल्ली, । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 के लिए छह जुलाई से होने वाले काउंसिलिंग टालने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि काउंसलिंग एक प्रक्रिया है, ऐसा नहीं है कि यह एक बार खुली और बंद हो गई।
जस्टिस विक्रम नाथ और एस.वी.एन. भट्टी की अवकाश कालीन पीठ ने नीट-यूजी 2024 के पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं की सीबीआई जांच और परिणाम रद्द कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ ने इन याचिकाओं पर केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट से 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग दो दिन के लिए टालने की मांग की। अधिवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को सभी याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। अधिवक्ता ने कहा कि मैं काउंसिलिंग पर रोक लगाने की मांग नहीं कर रहा हूं, मैं सिर्फ इसे दो दिन के लिए स्थगित करने का आग्रह कर रहा हूं।
इस पर जस्टिस नाथ ने अधिवक्ता को टोकते हुए कहा, बीच में रोकने के लिए अन्यथा न सोचें। काउंसिलिंग एक प्रक्रिया है जो 6 जुलाई से शुरू होगी।
एनटीए पर महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक अर्जी में 23 जून को 1,563 छात्रों के लिए दोबारा आयोजित होने वाली परीक्षा का मुद्दा उठाया और एनटीए पर महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया। इसके बाद पीठ ने एनटीए के वकील से इस अर्जी पर भी जवाब मांगा। केंद्र सरकार और एनटीए ने 13 जून को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उन 1,563 छात्रों का स्कोर कार्ड रद्द कर दिया गया है, जिन्हें परीक्षा में देरी के आधार पर अनुग्रह अंक दिया गया था। साथ ही कहा था कि इन छात्रों को दोबारा से परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा और इसके लिए 23 जून को परीक्षा आयोजित की जाएगी।