लखनऊ। छात्रवृत्ति के आवेदनों में खामियों से बचाव के लिए इस बार पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे ताकि, इन खामियों के कारण छात्रों के आवेदन निरस्त न हों। इसके लिए जहां छात्रों व संस्थानों को जागरूक किया जाएगा, वहीं उन्हें समय से एसएमएस भेजकर खामियां ठीक करने के लिए कहा जाएगा। जहां संभव होगा, वहां डाटा आधार व अन्य माध्यमों से लिया जाएगा।
प्रदेश में अनसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को ढाई लाख रुपये सालाना और अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये सालाना पारिवारिक आमदनी होने पर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ दिया जाता है। इस योजना का हर साल 50 लाख से ज्यादा छात्र लाभ लेते हैं।
देखने में आया है कि ऑनलाइन आवेदनों में खामियों के कारण तमाम विद्यार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। इसमें
हाईस्कूल का रोलनंबर, आय व जाति प्रमाणपत्र, माता-पिता का नाम व पता संबंधित वेबसाइट से ऑटो फेच (स्वतः लेना) किए जा सकते हैं। इससे गड़बड़ियों की आशंका कम हो जाएगी। ऑटो फेच करने पर किसी जानकारी के अलग होने पर छात्र के साथ ही संस्थान को एसएमएस भेजकर सूचित किया जाएगा, ताकि संस्थान तत्काल छात्रों से उन खामियों को ठीक करवा सके।
इसके लिए प्रदेश में जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। इसके लिए जिलास्तरीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं। शासन की कोशिश रहेगी कि फॉर्म में गलतियों के कारण कोई छात्र योजना से वंचित न रहे। जो भी खामियां हैं, उन्हें सही करवाने के लिए अधिकारियों और संस्थानों की भी जिम्मेदारी तय होगी