सरकार बजट में नई कर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन दोगुना बढ़ाकर एक लाख कर सकती है। या फिर मूल छूट सीमा को बढ़ाकर 3.5 लाख किया जा सकता है। टैक्स परामर्श कंपनी अर्स्ट एंड यंग (ईएंडवाई) ने कहा, आगामी बजट में कराधान सुधारों पर प्राथमिकताओं पर सरकार को जोर देना चाहिए।
ईएंडवाई ने बजट से पूर्व राय में कहा, सरकार को कर संरचनाओं को व्यवस्थित करना चाहिए। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत
ढांचे को बढ़ाना चाहिए। निवेश और विकास के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने पर जोर हो। कॉरपोरेट कर दरों में स्थिरता बनाए रखी जाए। टीडीएस प्रावधान को तर्कसंगत बनाने के साथ विवाद समाधान को सुव्यवस्थित किया जाए।
जारी रहे रियायती कर व्यवस्था : सलाहकार फर्म
ने बुधवार को कहा, व्यक्तिगत कर के मोर्चे पर छूट-कटौती के बिना रियायती कर व्यवस्था जारी रहनी चाहिए। इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए मानक कटौती और मूल छूट सीमा में बदलाव हो सकता है। सरकार ने टेक्नोलॉजी और डेटा-संचालित कर अनुपालन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए कई अच्छी पहल की है।