प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने शिक्षक भर्ती के लिए नई नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दो हफ्ते में प्रस्तावित नियमावली पर आयोग अपनी मुहर लगा सकता है। इसके बाद जून के अंत तक इसे शासन से मंजूरी मिलने के आसार हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयोग नई
भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करेगा। दो शिक्षक भर्तियां दो वर्षों से लंबित पड़ी हैं। इनमें अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी पीजीटी के 4163 पदों और अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती शामिल है।
हालांकि, दोनों भर्तियों के विज्ञापन पुराने हैं, इसलिए उसी के तहत ही कराने की तैयारी है।
लेकिन, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को शिक्षा सेवा चयन आयोग में समाहित किए जाने के कारण कुछ औपचारिकताएं पूरी होनी हैं। इसके लिए नई नियमावली का इंतजार करना पड़ सकता है।
वहीं, कुछ दिनों पहले लखनऊ में सीएम ने उच्च शिक्षा के अफसरों के साथ बैठक कर भर्तियां शीघ्र शुरू करने के कड़े निर्देश दिए हैं, जिससे शिक्षा सेवा चयन आयोग पर भर्तियां जल्द शुरू करने का दबाव भी है। हालांकि, नई नियमावली तैयार होने तक भर्तियां शुरू नहीं का जा सकेंगी।
आयोग ने बीते दिनों नियमावली
बनाने के लिए कमेटी का गठन किया था और कमेटी ने अपना काम भी शुरू कर दिया है। आयोग के सूत्रों का कहना है कि कमेटी दो सप्ताह के भीतर प्रस्तावित नियमावली आयोग को सौंप सकती है।
इसके बाद आयोग की बैठक में नियमावली पर मुहर लगाई जाएगी और फिर अंतिम मंजूरी के लिए नियमावली शासन को प्रेषित की जाएगी। शासन स्तर से नियमावली को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद ही उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग भर्तियां शुरू कर सकेगा। वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए आवेदन कर चुके तकरीबन 1.14 लाख अभ्यर्थियों और टीजीटी- पीजीटी के लिए आवेदन करने वाले 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को दो साल से भर्ती की परीक्षा तिथि घोषित होने का इंतजार है।