मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिकारी सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें और विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच करें। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं व जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री शुक्रवार को बस्ती में मंडल के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने वन महोत्सव 2024 के अंतर्गत बस्ती मंडलायुक्त कार्यालय परिसर में परिजात का पौधा रोपा।
स्कूल चलो अभियान की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बच्चों का नामांकन ससमय कराना सुनिश्चित करें। बच्चों के यूनिफार्म व कापी-किताब समय से उपलब्ध करा दिया जाए। विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की समीक्षा करते हुए उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को अस्पतालों में समुचित साफ-सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गड्डामुक्त की जाएं सड़कें जलजीवन मिशन योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कार्य को गुणवत्तापूर्ण किया जाए।
महिला सुरक्षा का रखा जाए विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। पीड़ित की ओर से एफआईआर दर्ज करते हुए आवश्यक कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाय। भीड़ वाले स्थानों पर वर्दी में व बिना वर्दी में पुलिस की तैनाती की जाए.
पौधरोपण में जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए
मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण महाअभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि जिले में लक्ष्य के सापेक्ष पौधरोपण किया जाए। पौधों का वितरण जिम्मेदार व्यक्तियों को किया जाए, जो पौधरोपण करने के साथ-साथ इनका देख-भाल कर सकें। जनसहभागिता सुनिश्चित कराने के लिए पौधों को गोद लिया जाय। पौधरोपण करते समय नाम की पट्टिका लगाई जाए। इसकी देखभाल करने का संकल्प लिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व वादों में एक से तीप वर्ष, तीन से पांच वर्ष व पांच वर्ष से अधिक लंबित मुकदमों का निस्तारण समयबद्धता के साथ मेरिट के आधार पर किया जाय। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। संबंधित की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
संवेदनशील तटबंधों की निगरानी की जाए
मुख्यमंत्री ने बाढ़ से बचाव की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि संवेदनशील व अतिसंवेदनशील तटबंधों की निगरानी रखी जाय। बाढ़ आने से पूर्व ही सभी तैयारियां पूरी कर ली जाए, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। उन्होंने कहा कि राहत सामग्री वितरण के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय। संर्पदंश के मामलों में पीड़ित को तत्काल उपचार दिया जाए।