अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Digital attendance: प्राथमिक स्कूलों में सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल अटेंडेंस का टीचरों ने तीखा विरोध किया। लाखों अध्यापकों के बीच में महज कुछ हजार ने ही हाजिरी लगाई है।
UP: Teachers protested against digital attendance in the entire state, out of seven lakh teachers, only 16 tho
महज 16 हजार टीचरों ने लगाई हाजिरी
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों-कर्मचारियों की सोमवार से शुरू हुई डिजिटल अटेंडेंस (टैबलेट पर चेहरा दिखाकर हाजिरी लगाने) की व्यवस्था का पूरे प्रदेश में व्यापक विरोध हुआ। एक तरफ जहां शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर कक्षाएं ली वहीं कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन कर जिला मुख्यालय पर जाकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया। पहले दिन मात्र दो फीसदी शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस लगाई।
विभाग की ओर से आज से शुरू की गई डिजिटल अटेंडेंस व अन्य रजिस्टर के डिजिटाइजेशन के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर सभी जिला इकाइयों ने विरोध मार्च निकालकर जिला मुख्यालय गए और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। शाहजहांपुर, बरेली, कुशीनगर, फतेहपुर आदि जिलों में शिक्षकों ने विरोध मार्च निकाला और इसमें काफी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। कुछ जिलों में स्कूलों में पानी भरा होने से भी दिक्कत आई। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि विभागीय अधिकारी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बिना जमीनी हकीकत जाने बिना ही इस प्रकार के अव्यवहारिक आदेश करते रहते हैं। ताकि आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर किए बिना उसको लागू करा पाना संभव ही नहीं है।
यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले भी शिक्षकों ने डिजिटल अटेंडेंस को तुगलकी फरमान बताते हुए विरोध किया गया। प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि शिक्षकों ने कहीं भी ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं लगाई है। जब तक शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, इसका विरोध जारी रहेगा। आज भी शिक्षकों ने काफी पट्टी बांधकर काम किया है और आगे भी एक सप्ताह लगातार विरोध जारी रखेंगे।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से विभिन्न जिलों में स्कूलों में विरोध प्रदर्शन कर और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया गया। प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सभी शिक्षक इस अव्यवहारिक निर्णय के विरोध में हैं। 14 जुलाई तक लगातार विरोध करेंगे। इसके बाद 15 जुलाई को हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा कि 15 के बाद आगे के आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
*पहले दिन मात्र 16 हजार ने लगाई अटेंडेंस*
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश के 1.32 लाख से अधिक विद्यालयों में तैनात 6.9 लाख शिक्षकों में से पहले दिन 16015 ने डिजिटल अटेंडेंस लगाई है। हालांकि यह मात्र दो फीसदी है। इसके अनुसार बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, महराजगंज, पीलीभीत समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में यह जीरो फीसदी तो दो दर्जन से ज्यादा जिलों में मात्र एक फीसदी रही है। विभाग के अनुसार डिजिटल पंजिकाओं से शिक्षकों को सुविधा व समय की बचत होगी। मैनुअल रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होगी। पंजिकाओं के खोने व खराब होने की स्थिति नहीं होगी और डेटा सुरक्षित रहेगा। शिक्षक 8.30 बजे तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
पहले किताबें दिलाए सरकार
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विद्यालयों के बच्चों को अभी तक सभी विषयों की किताब नहीं मिली। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्टाफ भी नहीं है। विद्यालय में हमेशा अच्छा नेटवर्क नहीं आता। कई जिलों मे स्कूल पानी से भरे हुए हैं। शासन व बेसिक शिक्षा विभाग विचार करते हुए शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति से मुक्त रखें।वहीं अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने भी ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध करते हुए शिक्षकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अटेवा ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध करता है। कहीं स्कूल जाने के लिए रास्ता नहीं है तो कहीं जलभराव है। कई जगह इंटरनेट की सुविधा नहीं है, ऐसे हालात में ऑनलाइन हाजिरी कैसे हो सकती है।
शिक्षामित्रों ने भी दर्ज कराया विरोध
सामान्य शिक्षकों के साथ ही शिक्षामित्रों ने भी ऑनलाइन हाजिरी का विरोध किया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक ऑनलाइन हाजिरी में हम लोग शामिल नहीं होंगे। शिक्षामित्रों को सामान्य कार्य समान वेतन, मूल विद्यालय वापसी, महिलाओं का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, स्वास्थ्य लाभ आदि शामिल है।
शिक्षकों की प्रमुख मांग
1- अन्य विभागों की भांति ”हाफ डे लीव” दी जाए
2- राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईएल या पीएल दी जाए
3- अन्य विभागों की भांति ”प्रतिकर अवकाश” दिया जाए
4- बीएसए को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता का अधिकार दिया जाए
6- ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था को समाप्त कर अन्य विभागों की भांति उपस्थिति लें