विपक्ष लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) का समर्थन करता रहा है। कई राज्यों में विपक्ष की सरकारों ने पुरानी पेंशन स्कीम वापस लाने का वादा भी किया है। मोदी सरकार इसके पक्ष में नहीं दिखाई देती। लेकिन कर्मचारियों को उच्च पेंशन देने के लिये राष्ट्रीय पेंशन योजना यानी एनपीएस (NPS) में बदलाव की तैयारी काफी समय से चल रही है। अब उम्मीद है कि सरकार 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में इससे जुड़ी बड़ी घोषणा कर सकती है। सरकार एनपीएस में गारंटीड रिटर्न ऑफर कर सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन के रूप में अपनी आखिरी सैलरी की 50 फीसदी रकम मिलने का वादा किया जा सकता है।
मौजूदा स्कीम में भी 25-30 साल तक निवेशित रहने वाले कर्मचारियों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है। विशेषरूप से उन कर्मचारी को, जो 2004 के बाद भर्ती हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमनाथन समिति ने पेंशन की अंतरराष्ट्रीय प्रैक्टिस के साथ ही आंध्रप्रदेश सरकार की पेंशन पॉलिसी का भी अध्ययन किया है। इस समिति ने गारंटीड रिटर्न के प्रभाव का आकलन किया है।
![](https://basicshikshakhabar.com/wp-content/uploads/2024/07/sitaraman-1720611872.jpg)
पिछले साल गठित हुई थी सोमनाथन समिति
एनपीएस को आकर्षक बनाने के लिये सरकार काफी समय से कदम उठा रही है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनकी आखिरी सैलरी की 50 फीसदी रकम पेंशन के रूप में मिले, इस पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की एक घोषणा के बाद साल 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। इस समिति का काम ओल्ड पेंशन स्कीम को वापस लाए बिना एनपीएस के तहत पेंशन लाभों में सुधार के तरीकों का पता लगाना है। बीते साल कांग्रेस द्वारा कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना वापस लाने की घोषणा के बाद इस समिति का गठन किया था। उस समय केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम की वापसी से इनकार किया था।
OPS और NPS में अंतर
पुरानी पेंशन योजना में सरकारी कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों के साथ समायोजित उनकी आखिरी सैलरी की आधी रकम पेंशन के रूप में मिलती है। ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को पेंशन के लिये कोई योगदान नहीं करना होता। जबकि नेशनल पेंशन स्कीम एक अंशदान आधारित पेंशन स्कीम है। इसमें कर्मचारी को अपने मूल वेतन का 10 फीसदी हिस्सा योगदान देना होता है और सरकार 14 फीसदी राशि का योगदान करती है। यह रकम विभिन्न निवेश विकल्पों में निवेश की जाती है और उससे कर्मचारी को पेंशन मिलती है।
![](https://basicshikshakhabar.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20240711_142433_145.jpg)
![](https://basicshikshakhabar.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20240711_142433_692.jpg)
![](https://basicshikshakhabar.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20240711_142433_663.jpg)
![](https://basicshikshakhabar.com/wp-content/uploads/2024/07/IMG_20240711_142433_459.jpg)