जौनपुरः नगर के अधिकांश विद्यालयों में संसाधनों व शिक्षकों कमी है। आठ किराए के जर्जर भवन में संचालित विद्यालयों को तोड़कर चार से पांच किलोमीटर दूर के विद्यालयों से संबद्ध किया गया है। इससे छात्रों को आवागमन में परेशानी हो रही है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए पांच विद्यालयों के भवन निर्माण व संसाधनों से लैस करने के लिए पांच करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था। एक साल बीत गए, लेकिन अभी तक धन अवमुक्त नहीं हुआ।
नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत मध्याह्न भोजन योजना, निश्शुल्क ड्रेस व किताबों का वितरण, मुफ्त पढ़ाई, उपचार आदि की सुविधा मिलने के बाद भी छात्रों की संख्या निरंतर कम होती जा रही है। नामांकन कराने वाले छात्रों को भी गुणवत्तायुक्त शिक्षा नहीं मिल पा रही हैं। गत कई वर्षों से नियुक्ति न होने के कारण अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। दूसरी तरफ किराए के जर्जर भवनों में चल रहे विद्यालयों को दो से चार किलोमीटर दूर के विद्यालयों से संबद्ध कर दिया गया है। पहले जहां 46 प्राथमिक व 11 जूनियर हाईस्कूल थे, वहीं अब सिर्फ 16 प्राथमिक, नौ कंपोजिट व एक जूनियर हाईस्कूल ही बचे हैं। अधिक दूरी होने के कारण छात्रों को विद्यालय जाने में परेशानी हो रही है।
छात्रों की समस्या को देखते हुए पांच विद्यालयों के भवन व संसाधन के लिए प्रधानमंत्री जन विकास योजना के तहत पांच करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। चार विद्यालयो के लिए जमीन तो है, लेकिन एक विद्यालय के लिए जमीन की तलाशा की जा रही है। वहीं कंपोजिट विद्यालय मियांपुर में दो मंजिला भवन बनाने की योजना है। प्रस्ताव प्रेषित किए एक बीत गए लेकिन अभी तक धन अवमुक्त नहीं हुआ।
वच्चों को नजदीक के विद्यालयों इस मंशा से प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत पांच विद्यालय भवनों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है। चार भवनों के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एक विद्यालय भवन के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। चुनाव के कारण प्रक्रिया पूरी होने में विलंब हुआ। धन अवमुक्त होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
डाक्टर गोरखनाथ पटेल, जिला वेसिक शिक्षा अधिकारी।