प्रयागराज। जाली नोटों के तस्करों ने जनपद में अपना जाल फैला दिया है। अब बैंक भी धोखा खा रहे हैं और जाली नोट इनकी शाखाओं से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की करेंसी चेस्ट में पहुंच रहे हैं। हाल की ही बात करें तो आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें आरबीआई की ओर से अलग-अलग थानों में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
जनपद में स्थित बैंकों से आरबीआई में नकली नोट पहुंचने के चार और मामले शुक्रवार को सामने आए। इन मामलों में आरबीआई कानपुर के दावा अनुभाग प्रबंधक आईपीएस गहलोत की ओर से सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से दो हजार
छह महीने में यहां से 59 जाली नोट पहुंचे आरबीआई की करेंसी चेस्ट में
रुपये के पांच, फरवरी 2024 में केनरा बैंक से दो हजार के 14 व 50 रुपये के 10 और मार्च 2024 में इंडियन बैंक से दो हजार रुपये के 19 जाली नोट आरवीआई
में भेजे गए। इससे पहले 15 जुलाई को भी इंडियन बैंक से दो हजार रुपये के छह जाली नोट आरबीआई में भेजे जाने के मामले में सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इससे पहले एसबीआई से भेजे गए खजाने में दो हजार के पांच जाली नोट मिले थे।
15 साल में 13 मुकदमे सूत्रों का कहना है कि पिछले 1.5 साल यानी 2023 जनवरी से अब तक प्रयागराज में जाली नोटों से संबंधित 13 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं। इनमें से कुछ मामले आरबीआई की करेंसी चेस्ट में प्रयागराज स्थित बैंकों से नकली नोट पहुंचने सेसंबंधित रहे तो अन्य जाली नोटों की
तस्करी करने वालों की गिरफ्तारी से संबंधित हैं। इससे पहले 2022 में भी जाली नोटों की तस्करी के संबंध में 10 मुकदमे दर्ज किए गए थे।