लखनऊ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली तीसरी सरकार का पहला बजट जो 23 जुलाई को पेश किया जाएगा उससे यूपी सरकार को ढेरों उम्मीदें हैं। केंद्रीय योजनाओं तथा केंद्रीय करों में यूपी की हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना है। वहीं प्रदेश सरकार की बड़ी योजनाओं खासकर एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ने, चार नये औद्योगिक गलियारों की स्थापना तथा बिजली के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को भारी भरकम धनराशि केंद्र सरकार से मिल सकती है।
प्रदेश सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले 2024-25 के लिए पूर्ण बजट से यूपी की अपेक्षाओं को बता दिया है। विभागों ने अपने मंत्रालयों को योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए इस वर्ष के लिए विस्तृत कार्ययोजना के साथ धनराशि आवंटन का प्रस्ताव भेज दिया है। उम्मीद की जा रही है कि यूपी सरकार द्वारा तय वन ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने के लिए केंद्र से सहयोग मिलेगा।
ऊर्जा, उद्योग और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
सूत्र बताते हैं कि ऊर्जा सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए करीब 40 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं। प्रदेश में चार बड़े औद्योगिक गलियारों के विकास, पूर्वांचल व आगरा एक्सप्रेस वे को आपस में जोड़ने के साथ ही अन्य एक्सप्रेस वे की योजनाओं के लिए भी केंद्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा की गई है।
आवास, जल जीवन मिशन पर भी रहेगी नजर
परिवहन विभाग, जल जीवन मिशन, सिंचाई, आवास, ग्रामीण विकास, कृषि से जुड़ी योजनाओं के लिए भी भारी भरकम धनराशि की मांग यूपी से की गई है। विभागों ने बीते वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार से मिली धनराशि जिसका उपभोग नहीं हो सका था उन कामों को कराने के साथ ही इस साल के लिए लक्ष्य बढ़ाते हुए प्रस्ताव भेजे हैं।