पैतृक संपत्ति या परिवार के सोने को बेचने पर अब ज्यादा कर चुकाना होगा। मंगलवार को पेश बजट में संपत्ति की खरीद-बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया गया है। इस कदम से संपत्ति में निवेश करने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी है।
बजट में संपत्ति बेचने पर होने वाले लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर को 20 से घटाकर 12.5 कर दिया गया है लेकिन इसके साथ ही सरकार ने इंडेक्सेशन लाभ को भी हटा दिया है। संपत्ति के अलावा सोना और अन्य गैरसूचीबद्ध संपत्ति के बेचने पर भी इसका लाभ नहीं मिलेगा। सरकार ने यह कहते हुए इंडेक्सेशन लाभ को हटाया है कि इससे करदाताओं और कर विभाग कर की गणना करने में आसानी होगी।
क्या है इंडेक्सेशन इंडेक्सेशन मुद्रास्फीति के लिए परिसंपत्ति के खरीद मूल्य को समायोजित करता है, जिससे कर योग्य लाभ और कर देनदारियां कम हो जाती हैं। इस समायोजन के बिना, करदाताओं को कम लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर दर के बावजूद बढ़े हुए कर का सामना करना पड़ सकता है। रियल एस्टेट से जुड़े जानकार इंडेक्सेशन लाभ को हटाने को एक बड़े बदलाव के रूप में देख रहे हैं। उनका मानना है कि कर दर में कमी के बावजूद संपत्ति लेनदेन पर बोझ बढ़ सकता है।
उदाहरण से ऐसे समझें
उदाहरण के तौर पर अब तक नियम यह था कि अगर किसी ने 2001 में कोई संपत्ति 100 रुपये में खरीदी और 2024 में 500 रुपये में बेच दी तो मुद्रास्फीती की गणना के लिए उसमें इंडेक्स प्राइज पर्चेज को भी जोड़ा जाएगा, जिससे कर योग लाभ कम हो जाएगा और कम टैक्स चुकाना पड़ेगा। अगर संपत्ति पर सालाना 10 का लाभ हुआ हो तो इंडेक्सेशन के हिसाब से इसमें चार फीसदी महंगाई जुड़ जाएगी और वास्तविक लाभ केवल फीसदी आएगा और केवल इसी पर कर देय था अब आपको पूरे फीसदी पर टैक्स देना होगा।