लखनऊ, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में पढ़ने वाली औसतन 100 छात्राओं की निगरानी एक पीआरडी जवान के जिम्मे होती है। दिन व रात में एक-एक जवान की ड्यूटी लगती है। गोसाईगंज के इस विद्यालय में छात्रा के भागने वाले दिन भी पीआरडी की एक महिला जवान ड्यूटी पर थी। अकेले इन्हें पूरे विद्यालय की सुरक्षा संभालना काफी मुश्किल होता है। विद्यालय में तैनात चौकीदार, चपरासी व अन्य सभी सो रहे थे।
लखनऊ में आठ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। सभी विद्यालयों में एक-एक पीआरडी जवान सुरक्षा में लगे हैं।
बीएसए ने प्रधानाचार्या को दी चेतावनी बीएसए राम प्रवेश ने छात्रा के भागने के मामले में गोसाईगंज के शिवलर स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या (वार्डन) को कड़ी चेतावनी दी है। नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। सख्त हिदायत दी है कि छात्राओं की सुरक्षा में कोताही न बरतें। यह छात्रा शुक्रवार रात करीब दो बजे स्कूल कैंपस चहारदीवारी फांदकर भाग गई थी। सुबह सहयोगी छात्राओं ने एक छात्रा के गायब होने की जानकारी दी। तब छात्रा के भागने का पता चला।
छात्रा को पिता को सौंपा
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से भागने वाली छात्रा के बरामद होने के बाद छात्रा ने स्कूल में रहकर पढ़ने से मना कर दिया था। पुलिस को दिये बयान में छात्रा ने बताया था कि उसे विद्यालय में अच्छा नहीं लगता है। वो अपने घर जाएगी। वार्डन व प्रभारी प्रधानाचार्या ने छात्रा का विद्यालय से नाम काटकर पिता के साथ भेज दिया था। बीएसए राम प्रवेश से इस सम्बंध में बात की गई, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।