लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की समायोजन सूची जारी कर दी। लेकिन, अलग-अलग जिलों में इसके लिए कहीं एक दिन तो कहीं दो दिन में ही आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा तय कर मनमानी की गई। इस पर शिक्षकों के विरोध के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बृहस्पतिवार को नया समय तय कर दिया।
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या को लेकर काफी अंतर है। इसे देखते हुए जून में सरप्लस शिक्षकों को कम शिक्षकों वाले विद्यालयों में समायोजित करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन,
अभी तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। लंबी कवायद के बाद 28 अगस्त को विभिन्न जिलों में शिक्षकों के समायोजन की सूची जारी कर दी गई। इसमें बीएसए की ओर से मनमानी करते हुए गोरखपुर में 29 से 31 अगस्त तक आपत्ति मांगी गई है। शाहजहांपुर में सिर्फ एक दिन 29 अगस्त तक आपत्ति दर्ज कराने को कहा गया। बरेली व कन्नौज में 31 अगस्त की तिथि दी गई है। लखनऊ व बाराबंकी में कोई तिथि ही नहीं जारी की गई है। इसे लेकर शिक्षक काफी परेशान थे। इस पर शिक्षक नेताओं ने बेसिक शिक्षा विभाग में आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद बृहस्पतिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र तिवारी की ओर से सभी बीएसए को निर्देश जारी कर कहा गया कि शिक्षकों की सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाए।
साथ ही इस पर दो सितंबर तक शिक्षकों की आपत्ति लेकर बीएसए द्वारा नामित समिति की ओर से निस्तारित की जाए। तीन व चार सितंबर को समिति आपत्तियों का निस्तारण कर मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों का डाटा अपडेट करेंगे।
ऐसी अनदेखी… स्कूल नगर सीमा में, पोर्टल पर ग्रामीण क्षेत्र में
शिक्षकों ने बताया कि लखनऊ, गोरखपुर समेत कई जिलों में काफी स्कूल विस्तारित नगर सीमा में आ गए हैं, लेकिन अभी भी ऐसे स्कूलों को मानव संपदा पोर्टल पर ग्रामीण क्षेत्र में दिखाकर समायोजन किया जा रहा है।
■ उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह व उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यह विभाग की मनमानी है। इसी तरह सरप्लस प्रधानाचार्य को भी प्राइमरी विद्यालयों की जगह जूनियर विद्यालयों में समायोजित करने की तैयारी है।