बीएसए ने दिए जांच के निर्देश, आंकड़ा गलत पाए जाने पर होगी कार्रवाई
प्रतापगढ़। समायोजन प्रक्रिया की जद में आ रहे चहेते शिक्षक को बचाने के लिए जिले के 52 स्कूलों के हेडमास्टरों ने आंकड़ों में बाजीगरी दिखा दिया। कम बच्चों के चलते स्कूल से शिक्षक हट न जाएं इसलिए उन्होंने बच्चों की संख्या ही बढ़ा दी। 30 जून तक की छात्र संख्या देखने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को शक हो गया। आकलन करने पर अधिकारियों ने पाया कि जिले के कई स्कूलों में बच्चों की संख्या 61, 91, 121 या 151 दिखा दी गई। जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या चार दर्जन से ज्यादा है। शिक्षकों के समायोजन के लिए सरप्लस शिक्षकों की लिस्ट जारी करने से पहले यह खेल सामने आने पर विभाग में हड़कंप मच गया है। जनपद के बीएसए भूपेंद्र सिंह ने सभी बीईओ को इस डेटा की जांच और संशोधन
करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी भी दी है कि गलत डेटा की पुष्टि होने पर संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि वर्तमान में शिक्षकों के अंत: जनपदीय तबादलों और समायोजन की प्रक्रिया चल रही है। 17 अगस्त तक सरप्लस शिक्षकों की लिस्ट जारी होनी थी। जहां सरप्लस शिक्षक हैं वहीं के शिक्षकों का तबादला होना है। जो शिक्षक खुद तबादले के लिए आवेदन नहीं करेगा, उसको वहां से हटाकर कम शिक्षक वाले स्कूल में भेज दिया जाएगा। सरप्लस शिक्षकों की लिस्ट जारी होने से पहले ही जब छात्र संख्या का आंकलन किया गया तो उससे पहले जून के डेटा में यह खेल पकड़ में आ गया। विभाग का मानना है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ शिक्षकों को लाभ देने के लिए आंकड़ों में खेल किया गया है। यह समायोजन
प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश है। प्रक्रिया कोर्ट के निर्देश में चल रही है। ऐसे में यह कोर्ट की अवमानना भी है। बीएसए का कहना है कि छात्र संख्या में ब्योरा सही कराने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को लिस्ट भेजी गई है। विभाग द्वारा तय मानक की बात करें तो नियमानुसार 60 बच्चों पर स्कूल में दो शिक्षक रह सकते हैं। इसी तरह 90 बच्चों पर तीन, 120 बच्चों पर 4 और 150 बच्चों पर पांच शिक्षक होने चाहिए। यही वजह है कि शिक्षकों ने इस तय मानक से एक संख्या अधिक दिखाकर डेटा भर दिया। इनमें जिले के आसपुर देवसरा ब्लॉक के 7, बिहार के 9, कुंडा के 6, लक्ष्मणपुर के 4, कालाकांकर के 4, लालगंज, मांधाता, मंगरौरा के तीन तीन विद्यालय समेत अन्य ब्लॉकों सहित 52 विद्यालय शामिल हैं।