प्रयागराज, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ (फुपुक्टा) के आह्वान पर प्रदेशभर के महाविद्यालयों के शिक्षकों ने बुधवार को भारी बारिश में उच्च शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन किया। सामूहिक अवकाश लेकर धरना देने पहुंचे सैकड़ों शिक्षकों ने 27 सूत्रीय मांगों पर अपनी आवाज बुलंद की। शिक्षकों की मुख्य मांगों में बायोमीट्रिक हाजिरी और ट्रांसफर में एनओसी की बाध्यता समाप्त करना, विज्ञापन संख्या 47 में चयनित 1225 शिक्षकों का स्थायीकरण और कैशलेस चिकित्सा सुविधा शामिल थी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज और उप शिक्षा निदेशक डॉ. बीएल शर्मा ने
धरनास्थल पर पहुंचकर ज्ञापन लिया। धरने का नेतृत्व कर रहे फुपुक्टा प्रदेश अध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि उच्च शिक्षा निदेशालय भ्रष्टाचार का केंद्र बन गया है। हर छोटे- छोटे कार्य के लिए शिक्षकों से धन उगाही की शिकायत आती रहती है। महामंत्री प्रो. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा राज्य कर्मियों की तरह शिक्षकों को चिकित्सीय सुविधा न मिलना दोयम दर्जे का व्यवहार है। प्रो. राजेन्द्र सिंह
(रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन (प्रसुआक्टा) के अध्यक्ष प्रो. पवन कुमार पचौरी ने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने और बायोमीट्रिक हाजिरी का आदेश वापस लेने की मांग उठाई। कहा कि शिक्षकों को मजदूर की श्रेणी में नहीं रखना चाहिए। धरने को संबोधित करने वालों में डॉ. हिमांशु सिंह, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. शिव प्रकाश यादव, डॉ. गंगेश दीक्षित, डॉ. रवि चौरसिया, डॉ. श्योराज सिंह, डॉ. भारतेन्दु मिश्र, डॉ. आरएम यादव, डॉ. एसके सिंह, डॉ. अनिल यादव, डॉ. अखिलेश राय, डॉ. विजय प्रताप सिंह, डॉ. जितेन्द्र सिंह, डॉ. स्वदेश सिंह आदि मौजूद रहे।