मऊ जनपद के दो शिक्षा क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करने के बाद मऊ बीएसए संतोष कुमार उपाध्याय ने 12 अध्यापकों को स्कूल पहुंचकर हस्ताक्षर करने के बाद स्कूल नदारद होने तथा कार्य में लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया है. जिसके बाद जनपद के बेसिक शिक्षकों में हड़कंप मच गया है. बता दें कि जनपद मऊ के शिक्षा क्षेत्र फतहपुर मंडाव एवं रतनपुरा क्षेत्र में बेसिक शिक्षा अधिकारी अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय ने औचक निरीक्षण किया.
निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने पाया कि कुछ अध्यापक स्कूल पहुंचकर हस्ताक्षर करने के बाद स्कूल से नदारद थे तथा कुछ जगहों पर मिड डे मील की गुणवत्ता में कमी पाई गई तथा कहीं साफ-सफाई एवं अन्य कमियां पाई गई, जिसके बाद बीएसए ने संबंधित दोषी अध्यापकों को निलंबित कर दिया है. जिसके बाद अध्यापकों में हड़कंप मचा हुआ है.
बेशिक शिक्षकों की बढ़ती जा रही लापरवाही
बेशिक शिक्षकों की लापरवाही एवं गैर जिम्मेदाराना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस कार्य में उनके सहयोगी के रूप खंड शिक्षा क्षेत्रों के मठाधीश शंकुल शिक्षकों एवं एसडीआई की मिलीभगत से बेसिक शिक्षक स्कूलों में रहना पसंद नहीं करते और चट्टी चौराहों पर मटरगश्ती करते हुए भरपूर तनख्वाह उठाते हैं. इन्हीं सब शिकायतों के आधार पर सरकार ने ऑनलाइन हाजिरी की व्यवस्था शुरू की थी. लेकिन इसका इतना विरोध हुआ कि सरकार को मजबूरी में अपना फैसला वापस लेना पड़ा.
कुछ शिक्षकों ने बनाया रोल मॉडल
हांलांकि बेसिक शिक्षक अपने लापरवाही के लिए जाने जाते हैं. परंतु कुछ शिक्षकों ने अपने विद्यालय को कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर न सिर्फ अपने विद्यालय की व्यवस्था बनाई बल्कि शिक्षा भी उच्च गुणवत्तापूर्ण दे रहे हैं. जिसमें रकौली प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सतीश सिंह एवं शिक्षक रामविलास भारती इसमें शामिल हैं. जिन्होंने न सिर्फ जनपद बल्कि प्रदेश में भी अपना स्थान बनाए हैं.
क्या बोले बेसिक शिक्षा अधिकारी
बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद के फतहपुर मंडाव एवं रतनपुरा में औचक निरीक्षण किया है, जहां पर कुछ अध्यापक ऐसे थे जो सिग्नेचर करके विद्यालय से गायब थे, कहीं पर कुछ अध्यापक फोन पर बात करते पाए गए, एक आध जगह पर मिनू के आधार पर भोजन नहीं मिल रहा था, चूल्हे पर खाना बन रहा था, साफ सफाई का माहौल नहीं दिखा, इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर और मेरे निरीक्षण के आधार पर 12 अध्यापकों का निलंबन किया गया है.