प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मृत कर्मचारी के आश्रित की नियुक्ति कानून के तहत की जाती है, वसीयत से मिले अधिकारों से नहीं। कोर्ट ने कहा कि मृतक आश्रित कोटे में नियुक्त याची को जिन आरोपों पर बर्खास्त किया है, वे कानून की नजर में आरोप ही नहीं हैं। कोर्ट ने कन्नौज की नगर पंचायत तिरवागंज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को सेवा में बहाल कर वेतन भुगतान का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने गौरी शुक्ला की याचिका पर यह आदेश दिया।
याची के पति अतुल कुमार शुक्ल नगर पंचायत में कर्मचारी थे। पारिवारिक कलह के चलते याची गौरी दो बच्चों को लेकर मायके चली गई। वहीं इस दौरान याची की सास अभिलाषा देवी व देवर ने सारी संपत्ति की वसीयत करा ली। वसीयत में याची व उसके बच्चों को कोई
अधिकार नहीं दिया गया। इसी दौरान पति अतुल कुमार की सेवाकाल में मृत्यु हो गई। ऐसे में याची की पत्नी के रूप में आश्रित कोटे में नियुक्ति की गई।