प्रयागराज, । परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की चयन सूची बदले जाने पर हजारों चयनित शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ जाएगी। प्रदेश सरकार ने भर्ती में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ हुई नाइंसाफी की बात कबूलते हुए 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पांच जनवरी 2022 को आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यथियों की सूची जारी की थी। निश्चित रूप से इन 6800 अभ्यर्थियों के चयन सूची में शामिल होने पर पूर्व से चयनित अनारक्षित वर्ग के 6800 शिक्षकों को बाहर होना पड़ता।
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बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने उन 6800 शिक्षकों की सूची जारी नहीं की जो प्रभावित हो रहे थे। इसके पीछे एक कारण यह भी हो सकता है कि प्रभावित शिक्षकों की सूची जारी होने पर वे भी मुकदमेबाजी में कूद पड़ते और पहले से विवादित मामला और अधिक उलझ जाता। यही कारण है कि 6800 की सूची जारी होने के ढाई साल बाद भी सरकार ने प्रभावित शिक्षकों की सूची जारी नहीं की।
वाराणसी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच का आदेश लंबे संघर्ष का परिणाम है। उच्च न्यायालय का राज्य सरकार से यह कहना कि संविधान में जो अधिकार मिले हैं वह उसे छीनने का प्रयास सरकार न करे। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह किसी घोटाले से कम नहीं।
यह साफ हो गया है कि राज्य सरकार ने 69000 शिक्षकों की भर्ती ईमानदारी व निष्पक्षता से नहीं की है। सही भर्ती नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना स्वाभाविक है।
-मायावती, बसपा सुप्रीमो
उच्च न्यायालय का फैसला आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वाली भाजपा की सरकार की साजिशों को करारा जवाब है। भाजपा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
-राहुल गांधी, नेता विपक्ष
भाजपा सरकार आरक्षण विरोधी है। वह हर कदम पर दलित व पिछड़ों के हक के साथ छल करती है। शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट का आदेश इसका प्रमाण है।- अजय राय, प्रदेश अध्यक्ष,कांग्रेस