लखनऊ : वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने संबंधी 28 जून 2024 को जारी शासनादेश के बारे में गुरुवार को स्पष्ट किया कि यदि कोई कर्मी उस शासनादेश के जारी होने से पहले सेवानिवृत्त हो चुका है तो वह भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठा सकता है। इसके लिए उन्हें नई पेंशन योजना के तहत मिले सरकारी अंशदान व उसके प्रतिफल को ब्याज सहित राजकोष में जमा करना होगा। हालांकि, पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए उनका कोई जीपीएफ खाता नहीं खुलेगा।
दरअसल, 28 जून को जारी शासनादेश के अनुसार 28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञापित पदों पर भर्ती वे कर्मचारी जो सेवानिवृत्त हो चुके थे उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की बात कही गई थी। 28 जून को जारी शासनादेश के प्रविधान लागू होने के बाद से वित्त विभाग से लगातार इस संबंध में जानकारी मांगा जा रही थी कि 28 जून से पहले सेवानिवृत हो चुके कर्मियों को भी क्या पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इस पर वित्त विभाग ने केंद्र
• पात्र कर्मियों को एनपीएस के तहत मिले सरकारी अंशदान को ब्याज सहित करवाना होगा जमा
• वित्त विभाग ने पुरानी पेंशन संबंधी 28 जून 2024 के शासनादेश पर जारी किया स्पष्टीकरण
सरकार की ओर से दी गई व्यवस्था के अनुसार गुरुवार को स्पष्टीकरण के साथ शासनादेश जारी किया है। अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश के मुताबिक 28 से पहले सेवानिवृत हो चुके कर्मियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलने पर कोई रोक नहीं है लेकिन उन्हें मिले एनपीएस की धनराशि को ब्याज सहित राजकोष में जमा करनी होगी। ब्याज की गणना नियोक्ता के अंशदान व उस पर प्रतिफल की राशि मिलने की तिथि से राजकोश में राशि जमा करने की तिथि तक की जाएगी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन कर्मचारियों को पेंशन का लाभ लेने के लिए जीपीएफ का खाता खोलने की जरूरत नहीं है। कर्मचारी ने अगर एनपीएस के खाते
से राशि नहीं निकाली है तो खाता बंद कर दिया जाएगा। साथ ही राशि निकासी के समय निधि में प्रतिलाभ के साथ अंशदान सरकारी खाते में जमा कर दिया जाएगा। इस प्रकार की राशि पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं लगाया जाएगा