यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से शनिवार की शाम को गोरखपुर में मिलेंगे। इस संबंध में पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर व लखनऊ प्रशासन ने अभ्यर्थियों को सूचना दे दी है। वहीं, अभ्यर्थियों का लगातार पांचवे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा। अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को मंत्री डॉ. संजय निषाद के आवास के बाहर प्रदर्शन किया।
इसके पहले, अभ्यर्थियों ने बृहस्पतिवार को पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव किया। अभ्यर्थी हाईकोर्ट के फैसले का पालन करने व नियुक्ति देने की मांग कर रहे थे। मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों से मुलाकात की। उन्होंने अभ्यर्थियों की समस्याएं सुनीं और ज्ञापन लिया। राजभर ने आश्वासन दिया कि वे अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सात सितंबर को करवाएंगे। इस मामले का समाधान जल्द ही किया जाएगा। सीएम से मिलने के लिए उन्होंने पांच अभ्यर्थियों के नाम भी मांगे।
धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा अभ्यर्थी चार साल से सड़कों पर भटक रहे हैं। अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने भर्ती की मूल चयन सूची रद्द कर सरकार को तीन महीने में आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई काम शुरू नहीं किया है। इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 9 को
69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी सेवा सुरक्षा आदि को लेकर रिट दायर की थी। रवि सक्सेना आदि की इस रिट पर 9 सितंबर को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई करेगी। अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी विनय पांडेय ने बताया कि इस मामले में कई रिट हुई हैं। उम्मीद है कि सभी पर एक साथ 9 सितंबर को सुनवाई होगी। इसमें एक ही भर्ती में कई बार आरक्षण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।
Ayodhya: एक लाख रिश्वत लेते शिक्षा विभाग का सहायक लेखाकार गिरफ्तार, जाल बिछाकर पकड़ा गया
जांच में लेखाकार की ओर से रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई तो शुक्रवार को मिशन के तहत आरोपी को रिश्वत देने के लिए शिकायतकर्ता की ओर से बीएसए कार्यालय के पास बुलवाया गया। जैसे ही शिकायतकर्ता ने एक लाख रुपये आरोपी को पकड़ाया, उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी मसौधा के कार्यालय में नियुक्त सहायक लेखाकार को सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने शुक्रवार की शाम एक लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत आरोपी ने मृतक शिक्षिका का जीपीएफ निकालने के लिए मांगी थी। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करके चालान किया गया है। इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारियों में हलचल रही।
शुक्रवार को विजिलेंस के एसपी मुख्यालय अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि शहर के हसनू कटरा निवासी मो. इरफान उल हक की पत्नी यासमीन फातिमा शिक्षा क्षेत्र मसौधा के कंपोजिट विद्यालय भदोखर में प्रधानाध्यापिका थीं। उनके निधन के बाद जीपीएफ की राशि निकालने के लिए उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी मसौधा कार्यालय के सहायक लेखाकार अमरेंद्र प्रताप सिंह से संपर्क किया तो उन्होंने इस कार्य के लिए एक लाख रुपये रिश्वत मांगी।
इस पर उन्होंने सतर्कता अधिष्ठान के अयोध्या इकाई में शिकायत की। जांच में लेखाकार की ओर से रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई तो शुक्रवार को मिशन के तहत आरोपी को रिश्वत देने के लिए शिकायतकर्ता की ओर से बीएसए कार्यालय के पास बुलवाया गया। जैसे ही शिकायतकर्ता ने एक लाख रुपये आरोपी को पकड़ाया, उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ सतर्कता अधिष्ठान में केस दर्ज करके अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि विजिलेंस टीम भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई कर रही है। यदि कोई भी लोक सेवक या राजपत्रित अधिकारी किसी भी सरकारी कार्य के बदले रिश्वत मांगता है तो विजिलेंस के हेल्पलाइन नंबर पर या कार्यालय में शिकायत जरूर करें।