देवरिया के परिषदीय विद्यालयों में इसरो स्पेस लैब की स्थापना के नाम पर विभाग द्वारा की गई अनियमितताओं की खबर हिन्दुस्तान अखबार में प्रकाशित हुई थी। इस पर सीडीओ ने दो अधिकारियों की एक टीम गठित कर जांच का आदेश दिया है, जिसमें वरिष्ठ कोषाधिकारी और जिला पंचायत के अभियंता शामिल हैं। टीम 84 विद्यालयों में 66 वस्तुओं की आपूर्ति और 3.69 लाख रुपये के भुगतान की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। 2023 में, देवरिया जिले के छात्रों को विज्ञान के प्रति जागरूक करने के लिए, तत्कालीन डीएम अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें जिले के हर ब्लाक के पांच परिषदीय विद्यालयों में इसरो स्पेस लैब स्थापित करने का निर्णय लिया गया था।

तत्कालीन डीएम ने लैब की स्थापना और सामग्री की आपूर्ति के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए थे। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, जिसमें बीएसए और डीआईओएस शामिल थे। बीएसए कार्यालय ने विद्यालयों की सूची जिला पंचायतीराज विभाग को प्रदान की थी।
- जिले के अंदर और बाहर तबादले के नियम अलग
- मेरठ में एक ही गांव के 14 लोग एक साथ बने सिपाही
- असिस्टेंट प्रोफेसर के 1200 पद खाली, 800 पर भर्ती की तैयारी
- सरकार से शिक्षामित्रों को स्थायी करने की मांग
- आठ वर्ष से तबादला न समायोजन परिषदीय शिक्षकों में पनप रहा रोष
जिला पंचायतीराज विभाग ने नियमों को दरकिनार करते हुए लैब संसाधनों के लिए कोटेशन मांगे और मां शारदा इंटरप्राइजेज को 3.69 लाख रुपये में टेंडर दिया। फर्म ने स्कूलों में निर्धारित 66 वस्तुओं की जगह कम सामग्री की आपूर्ति की थी। इसकी शिकायत संजय पाठक ने डीएम से की थी। सीडीओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय जांच टीम बनाई है, जिसमें वरिष्ठ कोषाधिकारी और जिला पंचायत के अभियंता रणविजय सिंह शामिल हैं, जो पूरे प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट सीडीओ को सौंपेंगे।