उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को गठन के सालभर बाद प्रो. कीर्ति पांडेय के रूप में नियमित अध्यक्ष तो मिल गईं हैं लेकिन परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति का इंतजार अब तक पूरा नहीं हो सका है। यही नहीं उपसचिव के चार सृजित पदों में से केवल एक पर कार्यवाहक उपसचिव कार्यरत हैं। ऐसे में नए आयोग को यदि सरकार और प्रतियोगी छात्रों की अपेक्षाओं के अनुरूप तेजी से चयन प्रक्रिया शुरू करनी है तो नियमित अधिकारियों की तैनाती आवश्यक है। इसमें परीक्षा नियंत्रक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। पारदर्शी एवं समयबद्ध तरीके से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए नए आयोग में परीक्षा नियंत्रक का पद सृजित किया गया है। इस पद पर नियमित अधिकारी तो दूर कार्यवाहक तक की तैनाती नहीं की गई है। परीक्षा समिति का चेयरमैन आयोग का अध्यक्ष के अलावा वरिष्ठतम सदस्य, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और उपसचिव शामिल होंगे। अधिनियम के अनुसार आयोग की परीक्षाओं के संचालन एवं उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन संबंधी सभी कार्यों का नियंत्रक प्राधिकारी परीक्षा नियंत्रक होगा जो आयोग एवं परीक्षा समिति के उपबंधों के अनुसार कार्य करेगा।
इसके अलावा परीक्षा केंद्रों, केंद्र अधीक्षकों तथा कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था, परीक्षार्थियों को अनुक्रमांक आवंटन एवं प्रवेश पत्र की व्यवस्था, आवेदन पत्र आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन के प्रक्रम में चयनित अभ्यर्थियों का पैनल अग्रसारित करने तक पदों की विभिन्न श्रेणियों के लिए अभ्यर्थियों के चयन की कार्यवाही, आवेदन पत्रों की समुचित और समय से संवीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की है।
● नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग में भर्तियों का काम पकड़ेगा रफ्तार
● आयोग में अब तक परीक्षा नियंत्रक की नहीं हो सकी है तैनाती
● उप सचिव के चार पदों पर नियमित अफसरों की नियुक्ति नहीं
कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकीं नवनियुक्त अध्यक्ष
नवनियुक्त अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पांडेय को सोमवार को लखनऊ में कार्यभार ग्रहण करना था लेकिन गोरखपुर विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त नहीं होने के कारण वह कार्यभार ग्रहण नहीं कर सकीं। सूत्रों के अनुसार एक-दो दिन में उनके कामकाज संभालने की उम्मीद है।