आगरा के परिवार परामर्श केंद्र में एक मामला पहुंचा। जहां पति-पत्नी के बीच में आईवीएफ को लेकर झगड़ा हुआ और गुस्से में पत्नी पति को छोड़कर मायके रहने लगी। काउंसलर के सामने पति ने साफ शब्दों में कहा कि आईवीएफ करना मेरी शान के खिलाफ है। भले हमारा कोई बच्चा हो या न हो। आईवीएफ नहीं कराऊंगा चाहे पत्नी का साथ क्यों न छूट जाए। दोनों को समझा कर काउंसिलिंग की अगली तारीख पर बुलाने का प्रयास किया।
परामर्श केंद्र में रविवार को 114 मामले पहुंचे, जिनमें से 12 मामलों में समझौता कराया गया। काउंसलर डॉ. अमित गौड़ ने बताया कि 8 साल पुरानी शादी का मामला है। जहां पति-पत्नी दोनों ही सरकारी शिक्षक हैं। बच्चा न होने के कारण दोनों का विवाद चल रहा है।
पत्नी का कहना था कि बच्चे के लिए कई जगह इलाज कराया। पर, नतीजा शून्य रहा। डॉक्टर ने आईवीएफ की कहा तो पति को यह बात गवारा नहीं थी। पति का मानना है कि आईवीएफ से उनकी बदनामी होगी। इसलिए नॉर्मल तरीके के इलाज से ही बच्चा चाहिए। आईवीएफ नहीं कराऊंगा चाहे कुछ भी हो जाए। इसलिए दोनों पति-पत्नी को समझने का प्रयास किया।
दादी की वीडियो कॉल से नवदंपती का हुआ झगड़ा
आगरा के थाना हरीपर्वत क्षेत्र का एक मामला पहुंचा। नवदंपती में दादी झगड़े की वजह बन गई। काउंसलर ने बताया कि लड़की की दादी दिन में तीन-चार बार वीडियो कॉल करती हैं, जो लड़के को पसंद नहीं। काउंसिलिंग की तो पत्नी ने बताया कि दादी के प्रति उसका अधिक लगाव है। इसलिए बिना उसका चेहरा देखे दादी खाना भी नहीं खाती। इस कारण वह आए दिन वीडियो कॉल करती हैं। दादी को नहीं छोड़ सकती। पति- पत्नी का समझौता न होने से अगली तारीख पर दादी को भी बुलाया है।