केन्द्रीय एवं नवोदय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की तरह अब यूपी के भी सभी प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की अब ‘अपार’ यूनिक आईडी बनाई जायेगी। 12 अंकों का ‘अपार’ (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी आधार से लिंक होगा। यह प्रदेश के प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के वर्तमान पीईएन (पेन) नम्बर का स्थान लेगा।

- बड़ा प्रशासनिक फेरबदल: दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक 66 IAS और IPS अफसरों का तबादला
- बोर्ड एग्जाम में कम नंबर लाने पर बीएसए ने की आपने बेटे की तारीफ, लोगों से भी कही ये अहम बात
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में फेल्ड पी०पी०ए० की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।
- मां का आरोप, शिक्षकों की पिटाई से गई जान
- Primary ka master: नदी में तैरकर हर दिन बच्चों को पढ़ाने जाते हैं गुरुजी
इससे सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की शैक्षिक प्रगति एवं उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी। साथ ही डिजिलॉकर की सहायता से सभी एकेडमिक अभिलेख को वेरिफाइएबल क्रिडेंशियल के रूप में प्राप्त हो सकेंगे। इसके अलावा स्कूल से इतर भी बच्चों का चिन्हीकरण किया जा सकेगा। छात्र-छात्राओं की शैक्षिक यात्रा तथा उनके अंकपत्र आदि का विवरण स्वत: अपार आईडी में सुरक्षित हो जायेंगे। केन्द्रीय और नवोदय विद्यालयों की भांति ही यू-डायस पोर्टल के माध्यम से अपार आईडी के सृजन की व्यवस्था की जायेगी। अपार आईडी बनाए जाने का कार्य विद्यालय स्तर से ही लॉगिन करते हुए किया जाएगा। बीते 20 सितम्बर को केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के मिलने के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने यह कदम उठाया है। बुधवार को स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के नाम सर्कुलर जारी किया है।
सर्कुलर की खास बात यह है कि इसमें निर्देश दिए गए हैं कि इसके लिए बच्चों के माता-पिता या अभिभावक के साथ पैरेंट-टीचर मीटिंग कर उन्हें इसके लाभ बताया जाये। साथ ही उनके उनका आधार भी एकत्र किया जाये। इसके अलावा उनसे अपार आईडी से संबंधित सहमति पत्र पर लिखित रूप से सहमति प्राप्त करने को कहा गया है। साथ ही सहमति पत्र को स्कूल में ही संरक्षित रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
👉 देखें इस खबर से सम्बंधित महानिदेशक का आदेश
