केन्द्रीय एवं नवोदय विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों की तरह अब यूपी के भी सभी प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के बच्चों की अब ‘अपार’ यूनिक आईडी बनाई जायेगी। 12 अंकों का ‘अपार’ (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) आईडी आधार से लिंक होगा। यह प्रदेश के प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के वर्तमान पीईएन (पेन) नम्बर का स्थान लेगा।
- 2567 पदों के सापेक्ष 8337 मुख्य अभ्यर्थी डीवी के लिए शार्टलिस्ट हुए
- UP Election Result: उत्तर प्रदेश उपचुनाव नतीजे
- NAT EXAM 2024 : नेट 2024 में कितने प्रश्न सही पर ग्रेड, देखें
- NAT 2024 हेतु प्रशिक्षण एवं अभिमुखीकरण
- Primary ka master: कोहरे के कारण हुए हादसे में शिक्षक की मौत, बाइक से जा रहे थे स्कूल, सामने से आए वाहन ने कुचला
इससे सभी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की शैक्षिक प्रगति एवं उपलब्धि की ट्रैकिंग की जा सकेगी। साथ ही डिजिलॉकर की सहायता से सभी एकेडमिक अभिलेख को वेरिफाइएबल क्रिडेंशियल के रूप में प्राप्त हो सकेंगे। इसके अलावा स्कूल से इतर भी बच्चों का चिन्हीकरण किया जा सकेगा। छात्र-छात्राओं की शैक्षिक यात्रा तथा उनके अंकपत्र आदि का विवरण स्वत: अपार आईडी में सुरक्षित हो जायेंगे। केन्द्रीय और नवोदय विद्यालयों की भांति ही यू-डायस पोर्टल के माध्यम से अपार आईडी के सृजन की व्यवस्था की जायेगी। अपार आईडी बनाए जाने का कार्य विद्यालय स्तर से ही लॉगिन करते हुए किया जाएगा। बीते 20 सितम्बर को केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के मिलने के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने यह कदम उठाया है। बुधवार को स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों के नाम सर्कुलर जारी किया है।
सर्कुलर की खास बात यह है कि इसमें निर्देश दिए गए हैं कि इसके लिए बच्चों के माता-पिता या अभिभावक के साथ पैरेंट-टीचर मीटिंग कर उन्हें इसके लाभ बताया जाये। साथ ही उनके उनका आधार भी एकत्र किया जाये। इसके अलावा उनसे अपार आईडी से संबंधित सहमति पत्र पर लिखित रूप से सहमति प्राप्त करने को कहा गया है। साथ ही सहमति पत्र को स्कूल में ही संरक्षित रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।