अमृत विचार : जिलों पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए दोबारा शुरू हुई हॉट कुक्ड मील योजना यानी पका पकाया गर्म भोजन खिलाने के लिए अप्रैल और मई में निकाले गए 36,15,24,670 रुपये का हिसाब नहीं है।
यह कन्वर्जन कास्ट भोजन बनाने और रसोइयों को मानदेय भुगतान में केवल उपभोग प्रमाण पत्र में दर्शाई गई है। जबकि पीएफएमएस पोर्टल पर समायोजन नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में सामग्री की खरीद करना और भोजन बनाकर वितरण करना स्पष्ट नहीं है। इसी तरह रसोइयों को मानदेय में असमंजस है। कई जिलों में रसोइयों को भुगतान ही नहीं किया गया। इससे विभाग की छवि खराब होने पर वित्तीय अनियमितता मानते हुए निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने सभी जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र जारी करके एक सप्ताह में धनराशि समायोजन के निर्देश दिए हैं। साथ ही आख्या मांगी है।
93.77 करोड़ में सिर्फ 4.35 करोड़ का हिसाब अप्रैल और मई में जिलों को कन्वर्जन कास्ट के 93,77,79,728 रुपये एडवांस दिए गए थे। इनमें दो माह में कुल 40,50,25,094 रुपये निकालकर भोजन और रसोइयों को मानदेय भुगतान करना दिखाया गया है। जबकि पीएफएमएस पोर्टल पर 4,35,00,424 रुपये का समायोजन किया गया है। शेष 36,15,24,670 का समायोजन न होने के कारण भुगतान की पुष्टि नहीं है।
नहीं बनवाते भोजन
पोर्टल पर समायोजित न होने वाली धनराशि में गोलमाल की आशंका है। क्योंकि कई विद्यालयों में प्रधान व अध्यापक भोजन नहीं बनवाते हैं और धनराशि निकाल ली जाती है। ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग उपभोग प्रमाण पत्र तैयार कर लेता है, लेकिन समायोजन के लिए बिल बाउचर आदि नहीं मिलते हैं।