मेरठ। शनिवार की शाम को मुख्य विकास अधिकारी ने बेसिक शिक्षा कार्यालय का अचानक निरीक्षण किया। इस दौरान नारायणी भाटिया, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, बीएसए आशा चौधरी, प्रदीप कौशिक, खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय और अन्य स्टाफ मौजूद थे। निरीक्षण के समय कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। जब रजिस्टर खोले गए, तो कई खामियां सामने आईं।
- वित्तीय वर्ष 2024-25 में बेसिक शिक्षा निदेशालय द्वारा नियुक्त शिक्षामित्रों के मानदेय भुगतान हेतु आवंटित धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।
- संविधान दिवस 26 नवम्बर, 2024 को स्वतंत्रता के अमृत काल के अवसर पर प्रदेश के समस्त प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष पर्यन्त विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाने के सम्बन्ध में।
- 25 बेसिस पॉइंट घटने पर कितनी ईएमआई?
- निपुण विद्यालय आकलन हेतु डी०एल०एड० प्रशिक्षुओं के अभिमुखीकरण के सम्बन्ध में यूट्यूब सेशन 10 को
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में आरक्षण की सूचना के सम्बन्ध में।
सीडीओ के मुताबिक, कार्यालय की सफाई संतोषजनक नहीं थी। पत्रावलियां बिखरी हुई पाई गईं और निर्देश दिए गए कि कार्यालय की उचित सफाई की जाए और पुरानी पत्रावलियों को वीड-आउट करने की प्रक्रिया अपनाई जाए। शौचालय में गंदगी और हैंड वॉश का अभाव पाया गया। एक हॉल में बच्चों के बैग से भरी बोरियों का ढेर लगा था, जिन्हें विकास खंडों में भेजा जाना था। प्रथम तल पर स्थित वित्त एवं लेखाधिकारी के कार्यालय का भी निरीक्षण हुआ, जहां उनके अनुपस्थित होने की जानकारी मिली। बीएसए ने बताया कि वित्त एवं लेखाधिकारी के पास कृषि विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार है, इसलिए वे मौजूद नहीं थे। यह भी निर्देशित किया गया कि कृषि और बेसिक शिक्षा विभाग में उनकी उपस्थिति का रोस्टर बनाया जाए।