लखनऊ। देशभर में इस बार मानसून की अवधि लंबी रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने इस साल सितंबर में तुलनात्मक रूप से ज्यादा बारिश का पूर्वानुमान जारी किया था। आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में 108 फीसदी बारिश हो चुकी है।
सितंबर अभी आधा ही बीता है और पिछले साल के मुकाबले इस माह अब तक 71.1% बारिश हो चुकी है। आमतौर पर सितंबर के दूसरे सप्ताह से मानसून भारतीय राज्यों से वापस लौटने लगता है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की मानें तो इस साल सितंबर से फरवरी 2025 माह के बीच ला-नीना घटना के सक्रिय होने की प्रबल संभावना है। यही वजह है कि इस बार भारत में मानसून के लौटने में देरी हो रही, साथ ही इस
दक्षिणी यूपी में होगी बारिश
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार तटवर्ती पश्चिम बंगाल के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने और एक नए वेदर सिस्टम के विकसित होने से अगले दो से तीन दिन पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मौसम प्रभावित रहने की संभावना है। सोमवार व मंगलवार को दक्षिणी और पूर्वी यूपी समेत सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, प्रयागराज, बांदा चित्रकूट आदि इलाकों में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है
यह है ला-नीना
दरअसल कुछ समय के अंतराल पर मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में उल्लेखनीय रूप से गिरावट आती है, तब इसे ला-नीना घटना कहा जाता है। इसका सीधा असर वायुमंडल, हवा, दवाव और बारिश के पैटर्न पर पड़ता है। ला नीना घटना का प्रभाव उसकी तीव्रता, अवधि, वर्ष के समय के आधार पर अगल अगल होता है। मौसम में बदले पैटर्न के असर से आमतौर पर वातावरण के तापमान में बदलाव, कहीं भारी बारिश और कहीं बाढ़, तूफान और चक्रवात की संख्या में कमी, कहीं सूखा और जल संकट, कृषि और खाद्य उत्पादन पर प्रभाव आदि देखने को मिलता है