अमेठी सिटी। जीआईसी राजाफत्तेपुर में तैनात वरिष्ठ सहायक को शासन ने निलंबित कर दिया है। आरोपी क्लर्क पर पीएम, सीएम के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग व वरिष्ठ लोगों को पिस्टल दिखाते हुए एससी-एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी देने का आरोप है। आरोपी को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय अयोध्या से संबद्ध कर दिया गया है।
- अब जीएनएम में प्रवेश परीक्षा से होगा दाखिला
- बिना पद के ही जीआईसी में प्रवक्ता की हुई तैनाती
- आठवें वेतन आयोग की घोषणा नहीं हुई तो जनवरी से आंदोलन
- कक्षा दो के छात्र को पीटने वाले शिक्षक को तीन साल का कारावास, लगाया जुर्माना
- पछुआ चलते ही गिरा पारा, सर्दी ने दी दस्तक
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से राजकीय इंटर कॉलेज राजाफत्तेपुर में तैनात वरिष्ठ कार्यालय सहायक धर्मेंद्र कुमार पर विभाग की ओर से कई आरोप लगाए गए हैं। कार्यालय में अनैतिक आचरण, शैक्षिक संगठनों व कुछ शिक्षकों के साथ मिलीभगत कर गोपनीय सूचनाओं का अनधिकृत संचार, सहकर्मियों से विवाद, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के बारे में अभद्र भाषा का प्रयोग करने, अनुमति के बगैर सप्ताह में तीन दिन अवकाश लेने आदि का आरोप है।
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज के आदेश क्रम में तत्काल प्रभाव से वरिष्ठ कार्यालय सहायक धर्मेंद्र कुमार को निलंबित करते हुए उन्हें जिला विद्यालय निरीक्षक अयोध्या से संबद्ध कर दिया गया है। उपशिक्षा निदेशक अयोध्या को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी ने बताया कि आरोपी वरिष्ठ सहायक को यह भी साबित करना होगा कि वह कोई अन्य व्यवसाय नहीं करते हैं।
आरोपी वरिष्ठ सहायक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अक्तूबर 2022 से जुलाई 2024 तक वह बीएसएस कार्यालय में ही तैनात थे। इस दौरान एक स्कूल के शिक्षक को बीएसए कार्यालय में बुलाकर बाबू का कार्य लिया जा रहा था। जिसका विरोध करने पर मनमाने आरोप लगाए जा रहे हैं। शिक्षकों से मनमाना कार्य करवाने पर बाद में बाबू फंसता है, इसलिए विरोध किया गया। इसी के चलते अनगिनत आरोप बिना किसी सबूत के लगाए गए हैं। विभाग के जिम्मेदार एक भी आरोप का सबूत नहीं दिखा सकते हैं।