राजकीय विद्यालयों में चयन के 14 महीने बाद भी 413 सहायक अध्यापकों और लगभग 22 प्रवक्ता की तैनाती नहीं हो सकी है। चयनित अभ्यर्थी शिक्षा निदेशालय से लेकर लखनऊ तक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। राजकीय विद्यालयों में एलटी (सहायक अध्यापक) भर्ती परीक्षा 2018 में अवशेष श्रेष्ठता सूची से आठ विषयों के चयनित 413 अभ्यर्थियों का परिणाम उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 28 जून 2023 को घोषित किया था।

- सहयोगार्थ प्रेषित👉 यदि आप का स्थानांतरण किसी भी प्रक्रिया से एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में हुआ है तो भौतिक कार्यमुक्ति/कार्यभार प्रक्रिया के अतिरिक्त भी आपको ऑनलाइन होने वाली निम्न प्रक्रियाओं का ध्यान रखना हैं…
- FAQ: स्थानांतरण के बाद कैसे पता लगे कि *मेरी मानव सम्पदा आईडी (ehrms) अभी मेरे नए स्कूल में ट्रांसफर हुई है या नहीं??
- विद्यालय मर्जिंग के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का बयान👇
- 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के आयोजन के अन्तर्गत आयुष मंत्रालय के पोर्टल पर विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में
- अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को मर्जर किये जाने सम्बन्धी 16 जून 2025 के आदेश पर रोक लगाने के सम्बंध में
आयोग परिसर में 17 से 25 जुलाई तक चयनित अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन कराया गया और उसके बाद सितंबर अंत तक सभी अभ्यर्थियों की फाइल माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से इन चयनित शिक्षकों की ऑनलाइन तैनाती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, लेकिन आज तक मंजूरी नहीं मिल सकी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जल्द उनकी तैनाती नहीं हुई तो माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविर कार्यालय लखनऊ पर प्रदर्शन और आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे।
अवशेष श्रेष्ठता सूची से चयनित शिक्षकों के ऑनलाइन पदस्थान का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। जल्द ही इनकी तैनाती होगी। अजय कुमार द्विवेदी, अपर निदेशक राजकीय