मुरादाबाद के केजीके कॉलेज में एक शिक्षिका ने मुख्य नियंता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया। शिक्षिका ने कहा कि विभाग के अन्य शिक्षक भी उन्हें घूरते और धमकाते हैं। मामले को लेकर शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने प्राचार्य से तुरंत मुख्य नियंता को पद से हटाने की मांग की है।
बुधवार को शिक्षक संघ की आपात बैठक अर्थशास्त्र विभाग में हुई। इसके बाद दोपहर करीब साढ़े 12 बजे संघ के सभी पदाधिकारी प्राचार्य से मिलने पहुंचे। इसी बीच प्राचार्य ने फोन कर मुख्य नियंता डॉ. अनिल चौहान को अपने कक्ष में बुला लिया।
शिक्षिका का कहना है कि उन्होंने प्राचार्य को अपने साथ विभाग में घटित हो रही घटना की जानकारी दी। शिक्षिका ने प्राचार्य को बताया कि जब वह विभाग में बैठती हैं तो कुछ शिक्षक, जिनके साथ मुख्य नियंता की मित्रता है, वे कैमरे से बचते हुए उन्हें डराने के भाव से घूरते हैं और परोक्ष रूप से टिप्पणी कर धमकाते हैं।
शिक्षिका का आरोप है कि प्राचार्य के सामने ही मुख्य नियंता प्रो. अनिल चौहान ने उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। इस पर शिक्षकों ने रोष जताया। मामले में मुख्य नियंता प्रो. अनिल चौहान का कहना है कि मेरी किसी से कोई बात नहीं हुई है। बृहस्पतिवार को कॉलेज में एक कार्यक्रम है। मैं उसी की तैयारी में लगा था।
कॉलेज में नहीं है महिला सुरक्षा समिति
प्रत्येक शिक्षण संस्थान में महिला सुरक्षा समिति गठित करने और इसकी जानकारी नोटिस बोर्ड आदि पर देने के यूजीसी के निर्देश हैं। शिक्षिका का आरोप है कि कॉलेज में महिला सुरक्षा समिति का गठन किया गया है या इसके कौन पदाधिकारी हैं, इसकी कोई सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी वजह से वह अपनी समस्या को किसी समिति के समक्ष भी नहीं उठा सकी हैं।
आठ महीने से चल रही है गहमागहमी
काॅलेज के शिक्षकों में आपसी तनाव और गहमागहमी पिछले करीब आठ महीने से चल रही है। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय में विभाग के डीन के रूप में कॉलेज के शिक्षक का चयन हुआ है। शिक्षिका ने बताया कि यह उनके अधिकारों का हनन कर चयन हुआ है। मामला अभी न्यायालय में लंबित है। शिक्षिका के अनुसार इस मामले से पहले भी उनके साथ दो बार इसी तरह की घटना हो चुकी है।
कॉलेज में शिक्षक संघ के हैं दो गुट
कॉलेज में शिक्षक संघ के दो गुट हैं। कॉलेज प्रशासन से जुड़े अधिकारियों का आरोप है कि दूसरा गुट कॉलेज में अनुशासन की व्यवस्था को पसंद नहीं करता है। समय सारिणी के अंतर्गत सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक कॉलेज में उपस्थित रहने का समय निर्धारित किया गया। इस पर शिक्षक संघ के पदाधिकारी विरोध जा रहे हैं। अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाने के लिए आरोप लगाए गए हैं।
यह मामला माफी योग्य नहीं है, बल्कि महिला अस्मिता से जुड़ा है। मेरे साथ जब पहले घटना हुई थी तो मैंने प्राचार्य से महिला सुरक्षा समिति के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन वह अभी तक नहीं मिली है। मुख्य नियंता का व्यवहार पहले भी कुछ छात्राओं के साथ खराब रहा है। – पीड़ित शिक्षिका
शिक्षक संघ मुख्य नियंता के इस व्यवहार की निंदा करता है। महाविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्राएं अध्ययनरत हैं। ऐसे में मुख्य नियंता को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाना चाहिए। अन्यथा शिक्षक संघ कठोर कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।- प्रो. जितेंद्र सिंह, अध्यक्ष, केजीके महाविद्यालय शिक्षक संघ
कॉलेज में शिक्षक संघ के दो गुट हैं। दूसरे शिक्षक संघ द्वारा जानबूझकर प्राचार्य कक्ष का घेराव किया गया। मामले में एक शिक्षिका ने मुख्य नियंता पर घूरने का आरोप लगाया था, जबकि संबंधित विभाग में कैमरे लगे हैं। इसका मुख्य नियंता ने जवाब दिया था। इसके बाद दोनों शिक्षकों ने यह महसूस किया कि यह व्यवहार सही नहीं है तो एक-दूसरे से माफी मांगकर प्रकरण समाप्त कर दिया। इसकी सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध है। कुछ शिक्षकों द्वारा महाविद्यालय की छवि को धूमिल करने के लिए मुद्दे को उठाया जा रहा है। कॉलेज में आवश्यकतानुसार सभी तरह की समितियां गठित हैं। – प्रो. सुनील चौधरी, प्राचार्य, केजीके कॉलेज