आज के रिटेन सबमिशन के साथ ही समायोजन केस की दिशा बदल चुकी है।
अब मेन मुद्दा *सरप्लस समायोजन न होकर प्रति कक्षा एक शिक्षक की तैनाती* पर है।
हकीकत यही है कि *RTE में ये कहीं लिखा ही नहीं इतने छात्र संख्या से कम होने पर हेड टीचर अप्वाइंट नहीं नहीं हो सकता।*
न ही कहीं ये लिखा है कि प्रति कक्षा एक शिक्षक नहीं दिया जाएगा ।
विद्यालय को एक यूनिट के बजाय कक्षा को यूनिट माना गया है केरल के केस में सिंगल बेंच से लेकर डबल बेंच में।
और यही व्यवहारिक भी है ।
*बच्चे कोई भेड़ बकरी नहीं हैं जिन्हे हांकने के लिए उनकी कुल संख्या के हिसाब से शिक्षक तैनात किए जाएं*
ये बच्चों का अधिकार है कि उनकी कक्षा के लिए एक नियमित अध्यापक नियुक्त हो।