प्रदेश की आठ हजार न्याय पंचायतों में – मुख्यमंत्री (सीएम) माडल कंपोजिट स्कूल स्थापित किए जाएंगे। 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में बनने वाले इन स्कूलों में पढ़ाई की अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। प्री-प्राइमरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की शिक्षा यहां दी जाएगी। अत्याधुनिक विज्ञान एवं गणित लैब, कंप्यूटर लैब व स्मार्ट क्लास इत्यादि की सुविधाएं इन विद्यालयों में दी जाएंगी। विद्यार्थियों को गर्मा-गर्म मिड डे मील खिलाने के लिए केंद्रीय रसोई घर भी बनाया जाएगा।
प्रत्येक जिले में सीएम माडल
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कंपोजिट स्कूल बनाने के लिए
जमीन को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया गया है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे खाली भूमि को जल्द चिह्नित करें। 27 विद्यालयों की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। उप्र जल निगम की निर्माण इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज, उप्न आवास विकास परिषद व उन समाज कल्याण निर्माण निगम लिमिटेड इत्यादि को निर्देश दिए गए हैं कि तय समय पर अपना निर्माण कार्य पूरा करें। विद्यालय भवन भूकंप रोधी व ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वह विद्यालय निर्माण कार्यों की टीम बनाकर निगरानी करें।
मुख्यमंत्री माडल कंपोजिट स्कूलों के परिसर में विद्यार्थियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की भी व्यवस्था होगी। यहां कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी, परीक्षा कक्ष और स्टेडियम की भी सुविधा होगी स्टेडियम के माध्यम से विभिन्न खेलों में अच्छे खिलाड़ी तैयार करने की कोशिश की जाएगी।
दो हजार स्कूलों के छात्रों को बनाएंगे हुनरमंदः प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत वर्ष 2025-26 के लिए दो हजार माध्यमिक स्कूलों में कौशल विकास की ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाएगी। अभी इस वर्ष 1,140 स्कूलों में डेढ़ लाख विद्यार्थियों को दक्ष
बनाया जा रहा है। यहां छह महीने के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। वहीं बीते वर्ष 600 विद्यालयों के 96,000 छात्रों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी गई थी।