लखनऊ: राज्य सरकार ने अपने सभी कार्मिकों को अक्टूबर का वेतन दीपावली से पहले ही देने का आदेश तो कर रखा है, लेकिन 34,459 राज्य कर्मचारियों को फिलहाल वेतन नहीं मिल सकेगा। वेतन न मिलने के लिए कोई और नहीं बल्कि संबंधित राज्य कर्मचारी ही जिम्मेदार हैं। मुख्य सचिव के स्तर से आदेश पर आदेश होने के बावजूद इन राज्यकर्मियों ने अब तक अपनी अच-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से नहीं दिया है। संपत्ति न बताने वालों में जहां सर्वाधिक 14 प्रतिशत प्रथम व 10 प्रतिशत द्वितीय श्रेणी के अफसर हैं, वहीं तृतीय श्रेणी के लिपिक आदि 3.86 प्रतिशत, जबकि सबसे कम 3.13 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी के राज्य कर्मचारी हैं।
उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत प्रदेश के सभी श्रेणियों के 8,30,613 राज्य कर्मचारियों को पिछले वर्ष 2023 तक की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा इस वर्ष 31 जनवरी तक स्वतः ही मानव संपदा पोर्टल पर दे देना चाहिए था। गौर करने की बात यह है कि इस संबंध में कार्मिक विभाग के बार- बार आदेश करने के बावजूद अगस्त तक सिर्फ 16 प्रतिशत कार्मिकों ने ही अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी राज्य कर्मचारियों की
- सिवान के एक स्कूल में मैडम और principal के बीच तृतीय विश्व युद्ध का practice! #Bihar उपर दीवार पर लिखा है अनुशासन ही देश को महान बनाता हैं 🤣
- Primary ka master: परिषदीय विद्यालय के रखरखाव के लिए आया रुपया शादी-पार्टियों में किया खर्च, शिक्षिका निलंबित
- डीएलएड स्क्रूटनी परीक्षा के लिए आवेदन आज से
- यूपी बोर्ड की तर्ज पर संस्कृत बोर्ड की परीक्षाओं के लिए तय होंगे केंद्र
- TGT PGT: दिसंबर से जनवरी के बीच टीजीटी पीजीटी परीक्षा कराने की तैयारी