गोंडा। जिले के 346 परिषदीय स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 से कम है। कई स्कूलों की कक्षाओं में तो छात्रों की संख्या शून्य है। ऐसा माना जा रहा है कि इन स्कूलों को आस-पास के स्कूलों में मिला दिया जाएगा। हालांकि, अधिकारी इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहे हैं। शासन ने इसकी सूची मांगी है। बीएसए अतुल कुमार तिवारी के अनुसार, शासन ने 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों की जानकारी मांगी है।
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राज्य परियोजना निदेशालय ने 10 जून 2024 को यू-डायस पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या के आधार पर नामांकन प्रगति की समीक्षा की। इस समीक्षा में जिले के 346 स्कूलों में छात्र संख्या 50 से कम पाई गई, जिनमें 232 प्राथमिक स्कूल और 114 उच्च प्राथमिक और कंपोजिट स्कूल शामिल हैं।
इससे पहले, बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने शिक्षकों को छात्र संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए थे, लेकिन विद्यालयों में बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी। शासन के सरकारी स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था सुधारने के प्रयास भी सफल नहीं हुए। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चिन्हित किए गए 346 स्कूलों में छात्र संख्या कम है।
डीजी शिक्षा कंचन वर्मा और बेसिक शिक्षा सचिव की छात्र नामांकन वृद्धि के निर्देशों का भी असर नहीं हुआ। पिछले शैक्षिक सत्र की तुलना में नए सत्र में छात्र संख्या घट गई है। 2023-24 में 3 लाख 56 हजार की तुलना में 2024-25 में छात्र संख्या तीन लाख तक सीमित रही। शासन अब उन बच्चों को नजदीकी स्कूलों में समायोजित करने की योजना बना रहा है।