लखनऊ, । मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा है कि पीसीएस परीक्षा को नकल विहीन और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की जाए। राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा निर्देशों की बुकलेट बनाकर जनपदों को भेजी जाए ताकि कहीं भी कोई अव्यवस्था की आशंका न रहे। उन्होंने कहा कि परीक्षा शांति से कराने के लिए सख्ती की जाए।

- बजट में मानदेय वृद्धि की व्यवस्था न होने से शिक्षामित्रों में रोष
- पुलिस भर्ती : डीएम से हरी झंडी पाने वाले ईडब्ल्यूएस और ओबीसी अभ्यर्थी दे सकेंगे परीक्षा
- बेसिक में नियुक्त सभी शिक्षक साथियों के लिए महत्त्वपूर्ण एवं उपयोगी जानकारी
- Primary ka master: सर, पति दूर नौकरी करते हैं, ड्यूटी कटवा दीजिए
- Teacher diary: दिनांक 24 फरवरी , 2025 कक्षा- 01, 02, 03, 04, 05 की भरी हुई शिक्षक डायरी , देखें
मुख्य सचिव ने शुक्रवार को वीडिया कांफ्रेंसिंग कर मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह परीक्षा इस साल 7 व 8 दिसम्बर को होनी है। मुख्य सचिव ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को प्रोटोकॉल के अनुसार पूरा सम्मान दिया जाए। अधिकारी विधायक व सांसद के फोन नम्बर मोबाइल में सेव रखें। कॉल आने पर उनकी बातों को सुनें और बैठक इत्यादि में व्यस्त होने की स्थिति में उन्हें कॉलबैक करें। मण्डल एवं जनपद स्तर पर बैठकों में आमंत्रित जनप्रतिनिधियों को प्रोटोकॉल के अनुसार बैठने की सम्मानजनक व्यवस्था कराई जाए। जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्राप्त जन शिकायतों व समस्याओं को प्राथमिकता पर निस्तारित करते हुए उन्हें अवगत भी कराया जाए।मुख्य सचिव ने कहा कि जीरो पावर्टी अभियान के तहत खंड विकास अधिकारिओं द्वारा 57,000 ग्राम पंचायतों से लगभग 1,81,000 एन्युमेरेटर का डाटा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। इसी प्रकार सत्यापन के लिएलगभग 2,70,000 लोगों का नाम अपलोड किया गया है। इन सभी को यूनिक आईडी उपलब्ध करा दी गई है। सभी बीडीओ को सीएम हेल्पलाइन से मैप कर दिया गया है। निर्धनतम परिवारों को चयन कर सूचना अपलोड करने की कार्यवाही 25 अक्तूबर से प्रारम्भ होगी। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत राशनकार्ड से वंचित श्रमिकों के राशनकार्ड निर्गत किए जाने की समीक्षा की। कहा कि सत्यापित डाटा को लॉक करने की अन्तिम तिथि 25 अक्तूबर 2024 है और 11 नवम्बर 2024 से पूर्व सभी जनपदों को आच्छादन रिपोर्ट उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में पराली जलने की घटनाओं में कमी आई है।